
भोपाल। राजधानी के बड़े तालाब में डूबे क्रूज ‘लेक प्रिंसेस’ को आज बाहर निकाल लिया गया। क्रूज को निकालने के लिए हैदराबाद और कोच्चि से इंजीनियरों की टीम भोपाल आई हैं। इंजीनियरों ने गुरुवार को निरीक्षण किया। विशाखापट्टनम से मंगवाए गए सेल्वेजिंग बैलून के सहारे क्रूज को बाहर निकाल लिया गया।
टीम कर रही क्रूज की जांच
हैदराबाद से क्रूज को निकालने आए मरीन इंजीनियर और बोट बिल्डर्स के संचालक मो. फजल ने बताया कि क्रूज के पिछले हिस्से का कांच टूटने की वजह से इसमें पानी भर गया था। वजन बढ़ने से यह बड़े तालाब में डूब गया। हालांकि क्रूज के मुख्य उपकरण क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं। क्रूज क्षतिग्रस्त ना हो इसके लिए सेल्वेजिंग बैलून का सहारा लिया गया।

पानी से निकालने के बाद सबसे पहले क्रूज के इंजन की जांच की जा रही है। यदि उसमें सुधार की जरूरत होगी तो इसकी मरम्मत की जाएगी। खराब नहीं होने की स्थिति में इसे पेट्रोल से साफ कर ओवरहालिंग करेंगे। साथ ही इंजन के बेयरिंग्स, गैस किट व अन्य खराब उपकरणों को बदला जाएगा।
इंजीनियरों की टीम ने पानी में जाकर की जांच
हैदराबाद और कोच्चि से आए इंजीनियरों की टीम ने गुरुवार को पानी के अंदर जाकर स्कूबा डाइविंग के जरिए क्रूज की जांच की थी। क्रूज में गंदा पानी भरा होने कारण अभी स्पष्ट पता नहीं चल पाया कि क्रूज में क्या क्षतिग्रस्त हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि क्रूज पानी में रहता है, इसलिए इसके डूबने से ज्यादा कुछ नुकसान नहीं हुआ है। इसके इंटीरियर को जरूर नुकसान पहुंचा है। हालांकि स्थिति जल्द ही स्पष्ट हो जाएगी।
क्या है सेल्वेजिंग बैलून
पानी में डूबे किसी क्रूज, बोट, शिप और अन्य वजनी उपकरण को बाहर निकालने के लिए सेल्वेजिंग बैलून की मदद ली जाती है। इसके तहत क्रूज के निचले हिस्से में बड़े-बड़े बैलून बांधे जाते हैं। इसके बाद इनमें प्रेशर पंप से हवा भरी जाती है। इसके प्रेशर से क्रूज पानी से ऊपर उठने लगता है। बैलून में पूरी क्षमता से हवा भरने बाद यह क्रूज को लेकर पानी से ऊपर आ जाता है। इस तकनीक का इस्तेमाल करने से क्रूज के अन्य उपकरणों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा नहीं रहता है। इसका उपयोग अधिकतर समुद्रों में डूबे हुए बड़े जहाजों को निकालने में किया जाता है।
ये भी पढ़ें: राजधानी भोपाल में बारिश बनी आफत… कई इलाकों में बिजली गुल, घरों में भरा पानी; बड़े तालाब में क्रूज डूबा
10 साल पहले खरीदा था ‘लेक प्रिंसेस’
बता दें कि ‘लेक प्रिंसेस’ को पर्यटन विभाग ने 10 साल पहले खरीदा था। इसके खरीदने में 70 लाख रुपए खर्च किए गए थे। ये क्रूज दो मंजिल का है। पहली मंजिल जनरल कैटेगरी की है, इसमें 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। वहीं क्रूज के निचले हिस्से में एसी रूम है। इसमें 20 से 30 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
#भोपाल: बड़े तालाब में #क्रूज़ को क्रेन की मदद से बोट क्लब के प्लेटफॉर्म पर लाने की तैयारी, तेज लहरों के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था क्रूज लेक प्रिंसेस। देखें #वीडियो@MPTourism #BadaTalaab #CruiseDrowned #PeoplesUpdate pic.twitter.com/VTYLuo4dd3
— Peoples Samachar (@psamachar1) August 26, 2022