
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरन को बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने झारखंड सीएम हेमंत सोरेन पर लाभ के पद पर होने के आरोपों पर अपनी राय राज्यपाल को भेजी है। वह थोड़ी देर में अपना फैसला सुना सकते हैं। राज्यपाल चुनाव आयोग की सिफारिश पर हेमंत सोरेन की सदस्यता भी रद्द कर सकते हैं।
क्या है पूरा मामला
यह मामला हेमंत सोरेन द्वारा खुद को खनन पट्टा देने का है। इस मामले में चुनाव आयोग ने जांच की थी। संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने के मामले में अंतिम फैसला राज्यपाल को करना होता है।
दरअसल, झारखंड सीएम हेमंत सोरेन पर लाभ के पद पर होने के आरोप लगे थे। बीजेपी ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में 18 अगस्त को सुनवाई पूरी हो गई थी। अब निर्वाचन आयोग ने इस मामले में अपनी राय राज्यपाल को भेजी है।
ईडी ने हाल ही में खनन सचिव पूजा सिंघल को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया था, पूजा ने ही खनन का लाइसेंस जारी किया था।
सीएम के करीबी पर ED की कार्रवाई
झारखंड में अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने गुरुवार को ही बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ये कार्रवाई की है। इससे पहले बुधवार को प्रेम प्रकाश के घर पर ED ने छापेमारी की थी।
सीएम सोरेन के दो करीबी हो चुके हैं गिरफ्तार
झारखंड में अवैध खनन मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने बुधवार को झारखंड, बिहार, तमिलनाडु, दिल्ली और एनसीआर में छापेमारी की थी। ये छापेमारी झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और उनके करीबी बच्चू यादव से पूछताछ के बाद की थी। इन दोनों को ईडी इस मामले में पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।