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नेशनल हेराल्ड केस पर BJP बोली- न रण होगा न RUN होगा, राहुल का तीखा वार- हम नरेंद्र मोदी से नहीं डरते, कर लें जो करना है…

नेशनल हेराल्ड केस में ED की जांच और छापेमारी पर अब सियासत गरमाती नजर आ रही है। कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो चुका है। दोनों एक दूसरे पर लगातार हमलावर बने हुए हैं। इसी बीच यंग इंडिया का दफ्तर सील होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला बोला है। राहुल ने कहा कि, उन्हें डराने की कोशिश की जा रही है लेकिन वह डरने वाले नहीं है।

राहुल गांधी: हम नरेंद्र मोदी से नहीं डरते

राहुल गांधी ने कहा कि, हम नरेंद्र मोदी से नहीं डरते हैं। उनको जो करना है, कर लें। वो सोचते हैं कि दबाव डालकर हमें चुप किया जा सकता है, लेकिन हम पर कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि देश की रक्षा करने, लोकतंत्र की रक्षा करने, देश में भाईचारे को कायम रखने के लिए काम करते रहेंगे।

राहुल गांधी: हमारा काम देश की रक्षा करना

राहुल गांधी ने कहा, ‘मोदी जी और अमित शाह जो देश में कर रहे हैं, वह लोकतंत्र के खिलाफ है। हम इसके विरोध में खड़े रहेंगे। राहुल ने कहा कि भागने की बात वो लोग कर रहे हैं। हमारा काम देश की रक्षा करना, लोकतंत्र की रक्षा करना हैं। देश में एकता को कायम रखना है और वो हम करते रहेंगे।

अब सत्याग्रह नहीं अब रण होगा

यंग इंडिया लिमिटेड के दफ्तर को सील किए जाने के बाद कांग्रेस की ओर से एक ट्वीट में कहा गया था कि याचना नहीं अब रण होगा। इस पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार कर कहा कि, कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि याचना नहीं रण होगा। पहले कहते थे कि सत्याग्रह होगा और अब रण की बात कर रहे हैं। आखिर ये लोग क्या चाहते हैं।

पात्रा ने आगे कहा कि, देश का कानून सबके लिए एक है। वह न कांग्रेस अध्यक्ष के लिए बदल सकता है और न ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के लिए। वे भारत के कानून से भिड़ना चाहते हैं। न उन्हें कानून से रण करने दिया जाएगा न ही RUN करने (भागने) दिया जाएगा।

बुधवार को सील किया ऑफिस

नेशनल हेराल्ड केस में मंगलवार को ED की टीम ने सुबह से देर शाम तक नेशनल हेराल्ड के दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिसके बाद बुधवार को दिल्ली की हेराल्ड बिल्डिंग में स्थित यंग इंडिया कंपनी का ऑफिस सील कर दिया था। जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में यह कार्रवाई की। यह कार्रवाई सोनिया और राहुल से पूछताछ के बाद की गई थी।

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क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

लगभग 10 साल पुराने इस केस की जड़ें आजादी से पहले निकले एक अखबार से जुड़ी हैं। जिसे जवाहर लाल नेहरू ने निकाला था। इस केस में करोड़ों रुपए की जायदाद पर मालिकाना हक का विवाद है।

कांग्रेस नेताओं पर घाटे में चल रहे  नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप है।

क्या है नेशनल हेराल्ड?

20 नवंबर 1937: देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी AJL का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब AJL के अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए।

  • AJL पर मालिकाना हक कभी भी प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का नहीं रहा। इस कंपनी को 5000 स्वतंत्रता सेनानी सपोर्ट कर रहे थे और वही इसके शेयर होल्डर भी थे।
  • 90 के दशक में ये अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक AJL पर 90 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब AJL ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद AJL प्रॉपर्टी बिजनेस में उतरी।
  • 2010 में AJL के 1057 शेयरधारक थे। घाटा होने पर इसकी होल्डिंग यंग इंडिया लिमिटेड यानी YIL को ट्रांसफर कर दी गई। यंग इंडिया लिमिटेड की स्थापना उसी वर्ष यानी 2010 में हुई थी।

यंग इंडिया लिमिटेड का हिस्सा कौन था?

इसमें तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी डायरेक्टर के रूप में शामिल हुए। कंपनी में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के पास रखी गई। शेष 24 फीसदी कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस (दोनों का निधन हो चुका है) के पास थी।

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क्या है विवाद?

शेयर ट्रांसफर होते ही AJL के शेयर होल्डर्स सामने आ गए। पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण, इलाहाबाद व मद्रास उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू सहित कई शेयरधारकों ने आरोप लगाया कि जब YIL ने AJL का ‘अधिग्रहण’ किया था तब उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था। यही नहीं, शेयर ट्रांसफर करने से पहले शेयर होल्डर्स से सहमति भी नहीं ली गई। बता दें कि शांति भूषण और मार्कंडेय काटजू के पिता के नाम पर AJL में शेयर था।

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2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने दर्ज कराया था मामला

भाजपा के नेता और देश के नामी वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा के खिलाफ मामला दर्ज कराया। तब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी।

सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि YIL ने 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति और लाभ हासिल करने के लिए “गलत” तरीके से निष्क्रिय प्रिंट मीडिया आउटलेट की संपत्ति को “अधिग्रहित” किया।

स्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि YIL ने 90.25 करोड़ रुपए की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपए का भुगतान किया था, जो AJL पर कांग्रेस पार्टी का बकाया था। यह राशि पहले अखबार शुरू करने के लिए कर्ज के रूप में दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि AJL को दिया गया कर्ज “अवैध” था, क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था।

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