
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच अब कुतुब मीनार परिसर की खुदाई का फैसला लिया गया है। संस्कृति मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि कुतुब मीनार परिसर में खुदाई के साथ ही मूर्तियों की Iconography कराई जाए। कोर्ट में 24 मई को सुनवाई होनी है।
संस्कृति सचिव ने किया निरीक्षण
कुतुब मीनार परिसर में खुदाई के निर्णय से पहले संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने 12 लोगों की टीम के साथ निरीक्षण किया। इस मामले में ASI के अधिकारियों का कहना है कि कुतुब मीनार में 1991 के बाद से खुदाई का काम नहीं हुआ है। इसके अलावा कई रिसर्च भी पेंडिंग हैं, जिसकी वजह से ये फैसला लिया गया है। जानकारी के मुताबिक, कुतुब मीनार के पास स्थित मस्जिद से 15 मीटर की दूरी पर खुदाई की जा सकती है।
कुतुब मीनार का नाम बदलने की मांग
हाल ही में कुतुब मीनार का नाम बदलने की भी मांग की गई थी। हिंदू संगठनों ने कुतुब मीनार का नाम बदलकर विष्णु स्तम्भ करने की मांग की थी। इसके बाद वहां हिंदू संगठनों के कुछ कार्यकर्ताओं ने हनुमान चालीसा का पाठ किया था। हिंदू संगठन के एक कार्यकर्ता ने कहा था कि मुगलों ने हमसे इसे छीना था।
ये भी पढ़ें- हिन्दू संगठनों ने Qutub Minar के पास किया हनुमान चालीसा का पाठ, नाम बदलकर विष्णु स्तंभ करने की मांग
याचिका में किया गया ये दावा
यूनाइटेड फ्रंट की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को हिंदू और जैन धर्म के 27 मंदिर को तोड़कर बनाया गया है। ऐसे में वहां फिर से मूर्तियां स्थापित की जाएं और पूजा करने की इजाजत दी जाए।