
सीहोर। प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा को एक बार फिर विवादित बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी है। महाराष्ट्र में एक कथा के दौरान भगवान चित्रगुप्त और यमराज के बारे में की गई टिप्पणी से कायस्थ समाज ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद पंडित मिश्रा ने मंगलवार को सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।
क्या था विवाद?
महाराष्ट्र के बीड़ में शिवपुराण कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने यमराज और चित्रगुप्त के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वीडियो में वे कहते सुने जा सकते हैं- ‘यमराज ने कहा किस को भेजूं, अगला संदेश चित्रगुप्त को भेजा, जाओ…तो कहा इस मुच्छंदर के साथ नहीं जाऊंगा…ऐ चित्रगुप्त फालतू की बात करना मति, सबका हिसाब रखना मेरे हिसाब मत रखना…’ इस टिप्पणी को कायस्थ समाज ने अपना और अपने आराध्य का अपमान माना था।
कायस्थ समाज ने दी थी चेतावनी
कायस्थ समाज ने पंडित प्रदीप मिश्रा को 10 दिन के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की चेतावनी और आंदोलन की धमकी दी थी। कुछ लोगों ने कानूनी कार्रवाई और बहिष्कार की मांग भी की थी। इसके बाद पंडित मिश्रा ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है।
सच्चिदानंद ने क्या कहा था?
चित्रगुप्त पीठ के पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी सच्चिदानंद ने वीडियो जारी कर कहा- यह जाहिल व्यक्ति न तो कथावाचक है, और न ही व्यासपीठ पर बैठने के लायक है। कानूनी दायरे में लाकर तुझे सजा दिलवाऊंगा। जहां कहीं मिल गया, तेरे सिर पर जितने बाल बचे हैं, उससे अपना जूता साफ करूंगा। मैंने अगर तुझे तेरे करनी का दंड नहीं दिया, तो मैं अपने आप को इस दुनिया से मिटा दूंगा।
पंडित मिश्रा ने क्या कहा?
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- किसी के हृदय को ठेस पहुंचाना कभी शिव महापुराण नहीं जानती। शिवमहापुराण हमेशा जगत का कल्याण करती है। जगत कल्याण की ही बात करती है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और वे इसके लिए माफी मांगते हैं।
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