
अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार 13 जून 2025 को एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान का भीषण हादसा हुआ। इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे। प्लेन टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया और बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिर पड़ा। इस दर्दनाक हादसे में 275 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं अब सभी की नजर इस विमान के ब्लैक बॉक्स पर है, जो इस हादसे हादसे की गुत्थी सुलझाएगा।
ब्लैक बॉक्स से पता चलेगी हादसे की असली वजह
हादसे के 28 घंटे बाद जांच एजेंसियों ने विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है। यह चमकीले नारंगी रंग का डिवाइस है, जिसमें विमान के उड़ान भरने से लेकर क्रैश होने तक की सारी गतिविधियां रिकॉर्ड होती हैं। इसमें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) शामिल होते हैं। अब इन्हीं रिकॉर्डिंग्स का विश्लेषण करके हादसे के असली कारणों का पता लगाया जाएगा।
DGCA ने जारी किए सख्त निर्देश
इस हादसे के बाद DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने सभी एयरलाइन कंपनियों को बोइंग 787 विमानों की सघन जांच करने का निर्देश दिया है। अब हर उड़ान से पहले इंजन कंट्रोल सिस्टम, फ्यूल पैरामीटर, हाइड्रोलिक सिस्टम, टेकऑफ पैरामीटर समेत कई जरूरी जांचें की जाएंगी।
कई देशों की जांच एजेंसियां जुटीं
इस हादसे की जांच में भारत के AAIB (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो), DGCA के अलावा अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) और ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच भी शामिल हैं। बोइंग कंपनी भी अपनी तरफ से पूरी जांच में सहयोग कर रही है।
क्या ‘लिफ्ट लॉस’ बनी हादसे की वजह?
पूर्व अमेरिकी पायलट कैप्टन स्टीव के मुताबिक, शुरुआती संकेतों से लगता है कि टेकऑफ के दौरान विमान को लिफ्ट नहीं मिल पाई। उनके अनुसार टेकऑफ के वक्त विंग्स के फ्लैप्स ऊपर की ओर थे जिससे लिफ्ट कम हो जाती है। यह तकनीकी खामी भी हादसे का कारण हो सकती है। हालांकि अंतिम निष्कर्ष जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा।
हादसे की जांच की पूरी प्रक्रिया
जांच एजेंसियां ब्लैक बॉक्स डेटा के साथ-साथ कई अन्य जानकारियों का भी गहराई से विश्लेषण करेंगी। इसमें शामिल है:
- राडार डेटा
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल से हुई बातचीत
- विमान की तकनीकी हिस्ट्री
- पायलट्स की ट्रेनिंग और हेल्थ रिकॉर्ड
- मौसम की स्थिति
- मलबे का परीक्षण
- मेंटेनेंस स्टाफ और एटीसी अधिकारियों से पूछताछ
12 महीनों में देनी होगी फाइनल रिपोर्ट
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने जानकारी दी है कि हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट 30 दिनों के अंदर पेश की जाएगी, जबकि फाइनल रिपोर्ट 12 महीनों के भीतर सार्वजनिक की जाएगी।
क्यों जरूरी होता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स किसी भी विमान हादसे के रहस्य को सुलझाने की सबसे अहम कड़ी होता है। यह:
- 1100 डिग्री तक की गर्मी सह सकता है।
- पानी में गिरने पर भी सालों तक खराब नहीं होता।
- इसका रंग ऑरेंज होता है ताकि मलबे में आसानी से ढूंढा जा सके।
- इसमें लगी अंडर वॉटर बीकन से इसे समुद्र में भी खोजा जा सकता है।
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