
गाजा। इजराइल और गाजा के बीच जारी संघर्ष में रविवार रात एक और खौफनाक मोड़ आ गया, जब इजराइली सेना ने गाजा में कई ठिकानों को निशाना बनाते हुए एक किंडरगार्टन स्कूल पर हमला किया। रिपोर्ट के अनुसार, यह स्कूल शरणार्थी शिविर के रूप में इस्तेमाल हो रहा था। हमले में करीब 25 लोगों की जान चली गई, जिनमें रेड क्रॉस के दो कर्मचारी, एक पत्रकार और कई मासूम बच्चे शामिल हैं।
मरने वालों में गाजा का सबसे कम उम्र का सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर 11 वर्षीय याकीन हम्माद भी था। बताया जा रहा है कि स्कूल में आग लगने के कारण कई लोग जिंदा जल गए।
दुनिया से इजराइल पर प्रतिबंध की मांग
इस हमले के बाद स्पेन ने कड़ा रुख अपनाया है। उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि इजराइल पर तुरंत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए जाएं। स्पेन की सरकार का कहना है कि नागरिक ठिकानों पर हमले युद्ध अपराध की श्रेणी में आते हैं और इन पर कठोर कार्रवाई जरूरी है।
तीन दिन पहले 9 बच्चों की मौत
इससे पहले 23 मई को गाजा के खान यूनिस क्षेत्र में एक महिला डॉक्टर डॉ. अल-नज्जर के परिवार पर हुए हमले में उनके 9 बच्चों की मौत हो गई थी। बच्चों की उम्र 7 महीने से लेकर 12 साल के बीच थी। एक अन्य बच्चा गंभीर रूप से घायल है और डॉक्टर के पति की हालत भी नाजुक बनी हुई है।
गाजा के 77% हिस्से पर नियंत्रण
इजराइल की सेना ने दावा किया है कि उसने गाजा पट्टी के 77 प्रतिशत क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है। अल जजीरा के मुताबिक, यह जानकारी गाजा के सरकारी मीडिया ऑफिस द्वारा साझा की गई है। उनका कहना है कि इजराइल ने गाजा के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों को बफर जोन, सुरक्षा कॉरिडोर और भारी गोलीबारी के जरिए अपने कब्जे में ले लिया है।
गाजा प्रशासन ने इजराइल पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है।
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