
इस्तांबुल। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन दिनों चार देशों की यात्रा पर हैं और इसी कड़ी में उन्होंने रविवार देर रात तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन से इस्तांबुल में मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग, भारत-पाक तनाव, कश्मीर मुद्दा, आतंकवाद और आर्थिक भागीदारी पर विस्तार से बातचीत की। खास बात यह रही कि शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ खुलकर समर्थन देने के लिए एर्दोगन का आभार जताया।
आर्मी चीफ मुनीर भी रहे शहबाज के साथ
इस अहम कूटनीतिक मुलाकात में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर भी शरीफ के साथ मौजूद रहे। यह पहली बार है जब किसी प्रधानमंत्री के साथ सैन्य प्रमुख भी इस स्तर की राजनीतिक बातचीत का हिस्सा बने।
एर्दोगन ने कहा- आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान-तुर्किये मिलकर लड़ते रहेंगे
बैठक के दौरान राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि तुर्किये और पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहेंगे। उन्होंने वादा किया कि दोनों देश एक-दूसरे को सैन्य प्रशिक्षण, खुफिया जानकारी और टेक्नोलॉजिकल सपोर्ट देंगे। एर्दोगन ने कहा, “इस सहयोग से न केवल सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि द्विपक्षीय विश्वास और रणनीतिक साझेदारी भी मजबूत होगी।”
5 अरब डॉलर तक व्यापार बढ़ाने की योजना
एर्दोगन और शरीफ ने तुर्किये-पाकिस्तान के बीच व्यापार को मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 5 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया। इसके लिए दोनों देशों के बीच एनर्जी, ट्रांसपोर्ट और डिफेंस सेक्टर में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति बनी। इस्तांबुल-तेहरान-इस्लामाबाद रेलवे लाइन को आधुनिक बनाने और तेज़ गति से संचालित करने की योजना पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही शिक्षा क्षेत्र में गहरे जुड़ाव और छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रम पर भी सहमति बनी।
भारत के खिलाफ खुले समर्थन के लिए जताया आभार
शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति एर्दोगन का भारत विरोधी रुख और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ा था, जिस पर तुर्किये और अजरबैजान ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्किये ने ड्रोन, हथियार और ट्रेनिंग प्राप्त लड़ाकू पाकिस्तान को भेजे ताकि वो भारत के खिलाफ अपनी रणनीति को लागू कर सके।
एर्दोगन ने फिर की कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश
17 मई को कश्मीर मुद्दे को लेकर हुई बातचीत को दोहराते हुए एर्दोगन ने फिर कहा कि वो भारत-पाक के बीच तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, “भगवान का शुक्र है कि दोनों परमाणु शक्तियां कुछ संयम बरत रही हैं। अगर भारत और पाकिस्तान दोनों अनुरोध करते हैं, तो हम कश्मीर मसले पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। हम दोनों के बीच शांति चाहते हैं, न कि तनाव।”
ऑपरेशन सिंदूर के बाद एर्दोगन का बयान
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के बाद तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने शरीफ को फोन कर हमलों में मारे गए लोगों के लिए संवेदना जताई। इसके साथ ही उन्होंने हमलों की अंतरराष्ट्रीय जांच की पाकिस्तान की मांग का भी समर्थन किया। इस रुख के बाद भारत में #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे और देशभर में इन दोनों देशों के उत्पादों और निवेश का विरोध शुरू हो गया।
चार दिन के दौरे पर शहबाज
पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ वर्तमान में तुर्किये, ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान की यात्रा पर हैं। यह दौरा 29-30 मई को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में ग्लेशियर पर होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन तक जारी रहेगा। कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, शरीफ इस दौरान भारत के साथ तनाव, कश्मीर मुद्दा और क्षेत्रीय समर्थन को प्राथमिकता पर रखेंगे। उनकी रणनीति यही है कि पाकिस्तान को एक पीड़ित और जिम्मेदार देश के तौर पर प्रस्तुत कर वैश्विक सहानुभूति और समर्थन हासिल किया जाए।