
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक भव्य बैठक का आयोजन कर न केवल अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया, बल्कि देश की सुरक्षा, सामाजिक न्याय और राजनीतिक रणनीति को लेकर कई बड़े संदेश भी दिए। इस अहम बैठक में 20 राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल हुए, साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा जैसे प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे।
बैठक से तीन महत्वपूर्ण राजनीतिक और रणनीतिक संदेश स्पष्ट रूप से दिए गए। पहला, राष्ट्र की सुरक्षा पर निर्णायक और आक्रामक रुख की सराहना की गई। जातिगत जनगणना को लेकर सामाजिक न्याय के एजेंडे पर प्रतिबद्धता और तीसरा, विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
ऑपरेशन सिंदूर की सराहना
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सशस्त्र बलों को हाल ही में सम्पन्न हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर अभिनंदन प्रस्ताव के जरिए बधाई दी गई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए पीएम मोदी की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने आम भारतीयों में आत्मविश्वास और गर्व की नई भावना पैदा की है। हमने यह साबित कर दिया है कि ‘जो हमसे टकराएगा, वह मिट्टी में मिल जाएगा।’ यह सिर्फ एक कहावत नहीं, अब सच्चाई है।”
शिंदे ने केंद्र सरकार की स्पष्ट नीति, सेना के शौर्य और प्रधानमंत्री मोदी के साहसिक निर्णयों को सैल्यूट करते हुए कहा कि देश की जनता को अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है। उन्होंने पीएम मोदी के उस बयान को भी याद दिलाया जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी की नसों में लहू नहीं, बल्कि गरम सिंदूर बह रहा है।
जातिगत जनगणना पर भी पास हुआ प्रस्ताव
बैठक में एनडीए ने जातिगत जनगणना को लेकर भी एक प्रशंसा प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव को बिहार जैसे राज्य के सामाजिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जातिगत जनगणना को सामाजिक संतुलन, प्रतिनिधित्व और न्याय की दिशा में एक ठोस कदम बताते हुए एनडीए ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि वह विपक्ष को इस मुद्दे पर एकाधिकार नहीं जमाने देगा। विशेषकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस मुद्दे पर मौजूदगी और सहमति ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए की रणनीति को नई धार दी है।
ऑपरेशन सिंदूर पर शिंदे का राष्ट्रवादी रुख
एकनाथ शिंदे ने अपने संबोधन में भारत की सुरक्षा नीति को लेकर कहा, “भारत किसी भी आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा और यह भारत की शर्तों पर किया जाएगा। भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल स्वीकार नहीं करेगा और न ही आतंकवादियों व उन्हें प्रायोजित करने वाली सरकारों के बीच कोई अंतर करेगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में एनडीए के विभिन्न नेता दुनिया के अलग-अलग देशों का दौरा करेंगे और भारत की शांति और आतंकवाद विरोधी नीति को वहां प्रस्तुत करेंगे।
शिंदे ने बैठक के समापन पर कहा कि एनडीए एक सुरक्षित, समृद्ध और एकजुट भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में दृढ़ संकल्प के साथ काम करता रहेगा। उन्होंने एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की परिषद के आयोजन के लिए भी पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया।
बैठक में 18 उपमुख्यमंत्री भी रहे मौजूद
इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, ओडिशा के सीएम मोहन चरण मांझी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, नागालैंड के सीएम नेफ्यू रियो सहित कुल 18 उपमुख्यमंत्री भी उपस्थित थे। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक में आए सभी नेताओं का स्वागत किया।
बिहार चुनाव पर नजर
एनडीए की यह बैठक केवल प्रशासनिक और नीतिगत चर्चा तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें राजनीतिक रणनीति, विशेषकर बिहार चुनाव 2025 को लेकर भी मंथन हुआ। जातिगत जनगणना के समर्थन और नीतीश कुमार की भागीदारी को इसी रणनीतिक तैयारी का हिस्सा माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि एनडीए की इस बैठक ने जातीय राजनीति के मुद्दे पर विपक्ष को चुनौती देने और समावेशी सामाजिक न्याय के अपने एजेंडे को सामने रखने का मंच प्रदान किया।
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