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साइलेंट किलर है हाई ब्लड प्रेशर : बिना लक्षण के पहुंचा सकता है हार्ट से आंखों तक नुकसान, जानंं 8 जरूरी सच

Hypertension। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हम अपनी सेहत की ओर कम ध्यान देते हैं। खासकर ब्लड प्रेशर की बात करें, तो लोग अक्सर इसे हल्के में ले लेते हैं। यही लापरवाही आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन का रूप ले लेती है। अब यह बीमारी आम होती जा रही है, लेकिन इसे मामूली समझना बहुत बड़ी भूल है। हाई ब्लड प्रेशर को ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है, क्योंकि यह बिना कोई खास लक्षण दिखाए शरीर के अंदर धीरे-धीरे नुकसान करता रहता है।

यह बीमारी कब दिल, आंखों या दिमाग को नुकसान पहुंचा दे, इसका पता भी नहीं चलता। जब तक लोगों को जानकारी होती है, तब तक स्थिति गंभीर हो चुकी होती है। इसीलिए जरूरी है कि हम हाई बीपी से जुड़ी गलतफहमियों और मिथकों को पहचानें और सही जानकारी के साथ समय पर इलाज और रोकथाम करें। क्योंकि कई बार गलत धारणाओं की वजह से लोग इस बीमारी को नजरअंदाज कर देते हैं और बाद में गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।

  1. अगर लक्षण नहीं दिखते तो हाई बीपी नहीं है?

यह सोच गलत है। हाई ब्लड प्रेशर एक साइलेंट डिजीज है – यानी इसके लक्षण हमेशा नजर नहीं आते, लेकिन यह अंदर से शरीर को नुकसान पहुंचाता रहता है।

समाधान- समय-समय पर ब्लड प्रेशर चेक करवाते रहें।

  1. हाई ब्लड प्रेशर सिर्फ बुजुर्गों को होता है?

नहीं, अब यह समस्या युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। गलत खानपान, तनाव और सुस्त दिनचर्या इसका कारण हैं।

ध्यान दें- युवा भी ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं।

  1. हाई बीपी से स्ट्रोक तक आ सकता है?

हां, यह सच है। अगर हाई बीपी कंट्रोल में न रहे तो यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा देता है।

सावधानी- बीपी को कंट्रोल में रखें और डॉक्टर की सलाह लें।

  1. कोई लक्षण नहीं, तो चिंता नहीं?

यह गलत सोच है। हाई बीपी बिना लक्षण के भी धमनियों, दिल, किडनी और आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।

सही कदम- नियमित जांच और सही इलाज जरूरी है।

  1. सिर्फ नमक छोड़ने से बच सकते हैं हाई बीपी से?

सिर्फ नमक कम करने से नहीं चलेगा। हाई बीपी में स्ट्रेस, वजन और अनुवांशिक कारण भी अहम भूमिका निभाते हैं।

समाधान- संतुलित आहार, व्यायाम और तनाव कम करना जरूरी है।

  1. दवा शुरू कर दी तो बीपी चेक नहीं करना पड़ेगा?

बिल्कुल गलत! दवा लेने के बावजूद नियमित ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग जरूरी है।

सुझाव- दवा, डाइट और लाइफस्टाइल तीनों का तालमेल जरूरी है।

  1. कैफीन से हाई बीपी हो जाता है?

सच यह है कि कैफीन अस्थायी रूप से बीपी बढ़ा सकता है, लेकिन यह सभी लोगों में क्रोनिक हाई बीपी का कारण नहीं बनता।

ध्यान रखें- सीमित मात्रा में कैफीन लें और बीपी की निगरानी करें।

  1. हाई ब्लड प्रेशर जेनेटिक है, इससे बचा नहीं जा सकता?

हाई बीपी परिवार से जुड़ा हो सकता है, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है।

सुझाव- हेल्दी डाइट, रोज़ाना एक्सरसाइज और स्ट्रेस मैनेजमेंट करें।

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