
जबलपुर। रैपुरा गांव में बनने जा रहे मध्यप्रदेश के पहले रेस कोर्स प्रोजेक्ट को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब हैदराबाद से मंगवाए गए 57 घोड़ों में से 8 की अचानक मौत हो गई। रेस कोर्स शुरू करने की तैयारी में जुटे गांव निवासी सचिन तिवारी ने अप्रैल अंत में इन घोड़ों को खरीदा था। शुरुआत में सभी घोड़े स्वस्थ थे, लेकिन 5 मई से लेकर 13 मई के बीच एक के बाद एक आठ घोड़ों की मौत हो गई, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
घोड़ों को हुई ग्लैंडर बीमारी
घोड़ों की अचानक बिगड़ती हालत की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन सक्रिय हुआ। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर उपचार शुरू किया और घोड़ों के ब्लड सैंपल लेकर हरियाणा स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजे। राहत की बात यह रही कि जांच में 44 घोड़ों की रिपोर्ट ग्लैंडर के लिए निगेटिव आई है।
ग्लैंडर एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो घोड़ों के अलावा इंसानों में भी फैल सकती है। इसके लक्षणों में नाक से गंदा स्राव, कमजोरी, खांसी और बुखार शामिल हैं। इसी को देखते हुए प्रशासन ने पशुपालन विभाग को सतर्क रहने और रैपिड रिस्पांस टीम को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।
रेस कोर्स योजना पर संकट के बादल
अगर ये रेस कोर्स बन जाता, तो यह मध्यप्रदेश का पहला रेस कोर्स होता। हॉर्स केयरटेकर ने बताया कि उनके पास काठियावाड़ी और मारवाड़ी नस्ल के घोड़े हैं, जिनकी नियमित जांच होती है। लेकिन घोड़ों की मौत के चलते अब यह परियोजना विवादों में घिर गई है। स्वास्थ्य संकट के बीच जांच और निगरानी लगातार जारी है।
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