ताजा खबरराष्ट्रीय

अब मुफ्त में नहीं मिलेगी ग्रेवी… उपभोक्ता अदालत का बड़ा फैसला, रेस्टोरेंट मालिक को मिली राहत; जानें पूरा मामला

कोच्चि। केरल के कोच्चि शहर से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां एक स्थानीय उपभोक्ता अदालत ने फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया कि, रेस्टोरेंट ग्राहकों को मुफ्त में ग्रेवी देने के लिए बाध्य नहीं हैं। यह फैसला उस समय आया जब एक ग्राहक ने परोटा (पराठा) और बीफ ऑर्डर करने के बाद मुफ्त ग्रेवी न मिलने पर पहले शिकायत की और फिर अदालत तक पहुंच गया। हालांकि, कोर्ट के फैसले के बाद रेस्टोरेंट ‘पर्सियन टेबल’ के मालिक ने राहत की सांस ली।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

रेस्टोरेंट के मालिक के अनुसार, नवंबर 2023 में एक व्यक्ति ने परोटा और बीफ का ऑर्डर दिया था। जब ऑर्डर आ गया, तो उसने अलग से ग्रेवी की मांग की। इस पर रेस्टोरेंट ने स्पष्ट किया कि, वे आम तौर पर ग्रेवी मुफ्त में नहीं देते, लेकिन अगर ग्राहक विशेष रूप से “बीफ विद ग्रेवी” ऑर्डर करता है, तो उसे ग्रेवी मिलती है।

ग्राहक इस जवाब से नाराज हो गया और बहस करने लगा। रेस्टोरेंट के रुख से असंतुष्ट होकर वह वहां से चला गया और बाद में स्थानीय अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कर दी। जब वहां से कोई परिणाम नहीं निकला, तो उसने उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया।

अदालत ने क्या कहा?

स्थानीय उपभोक्ता अदालत ने रेस्टोरेंट के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि, ग्राहकों को मुफ्त में ग्रेवी देना अनिवार्य नहीं है। अदालत ने माना कि रेस्टोरेंट की नीतियों में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता जब तक कि वह किसी ग्राहक को धोखा नहीं दे रहा हो। यह भी कहा गया कि यदि ग्रेवी किसी ऑर्डर का हिस्सा नहीं है, तो ग्राहक को इसके लिए अतिरिक्त भुगतान करना होगा।

रेस्टोरेंट मालिक ने क्या कहा

‘पर्सियन टेबल’ रेस्टोरेंट के मालिक ने इस फैसले के बाद कहा, हमने हमेशा स्पष्ट किया है कि हम केवल उसी डिश के साथ ग्रेवी देते हैं जिसमें वह शामिल होती है। अगर हर ग्राहक मुफ्त ग्रेवी की मांग करेगा, तो यह हमारे लिए संभव नहीं होगा। इससे हमारा खर्च बढ़ेगा और संचालन प्रभावित होगा।

केरल में ग्रेवी देने की परंपरा

केरल के कई रेस्टोरेंट्स और होटलों में बीफ या चिकन डिश के साथ ग्रेवी दी जाती है, खासकर जब डिश सूखी हो। ग्रेवी आमतौर पर प्याज या मसाले के बेस से तैयार की जाती है। हालांकि, हर जगह इसकी नीति अलग होती है। कई बार ग्राहक यह मान लेते हैं कि ग्रेवी मुफ्त मिलनी चाहिए, लेकिन अब इस फैसले के बाद स्पष्ट हो गया है कि ऐसा कोई नियम नहीं है।

इस फैसले के बाद अब ग्राहकों को यह समझना होगा कि रेस्टोरेंट द्वारा मुफ्त में ग्रेवी देना उनकी इच्छा पर निर्भर करता है, कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

ये भी पढ़ें- ‘तुम हमारा पानी बंद करोगे, हम तुम्हारी सांस बंद कर देंगे…’ पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता की भारत को खुली धमकी

संबंधित खबरें...

Back to top button