
नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर पर बड़ा हमला बोला। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर देश से गद्दारी का आरोप लगाते हुए बीजेपी को सिंदूर का सौदागर करार दिया। खेड़ा ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस कथित दावे को आधार बनाया, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने में भूमिका निभाई थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए खेड़ा ने सवाल उठाया कि क्या भारत के सम्मान और सैनिकों के शौर्य को विदेशी ताकतों के आगे गिरवी रख दिया गया?
सिंदूर का सौदा हुआ, प्रधानमंत्री चुप रहे
पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा करते रहे कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका। भारत को व्यापार बंद करने की धमकी दी गई और प्रधानमंत्री चुप रहे। क्या यही नेतृत्व है? क्या यही राष्ट्रभक्ति है?”
खेड़ा ने आरोप लगाया कि एक तरफ सैनिक जान की बाजी लगाकर दुश्मन को सबक सिखा रहे थे और दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सौदेबाजी चल रही थी। उन्होंने कहा, “यह केवल शर्मनाक नहीं, बल्कि देश के साथ धोखा है।”
एयरस्ट्राइक से पहले पाकिस्तान को अलर्ट करना पाप- कांग्रेस
प्रेस वार्ता के दौरान खेड़ा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जयशंकर ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि एयर स्ट्राइक से पहले पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी। खेड़ा ने पूछा, “सरकार यह बताए कि इस चेतावनी से हमें कितनी हानि हुई? क्या हमने विमान गंवाए? ये कोई साधारण भूल नहीं, बल्कि देश के साथ गद्दारी है। ये एक पाप है।”
विदेश मंत्रालय ने कांग्रेस के आरोपों को नकारा
कांग्रेस के आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि विदेश मंत्री जयशंकर ने केवल यह कहा था कि ऑपरेशन की शुरुआत में पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी, लेकिन इसे तोड़-मरोड़कर ऐसे पेश किया जा रहा है जैसे ऑपरेशन से पहले ही पूरी जानकारी दे दी गई हो। मंत्रालय ने इसे तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक करार दिया।
मोरारजी-जिया वार्ता का भी जिक्र
पवन खेड़ा ने 1977-79 के दौरान मोरारजी देसाई की प्रधानमंत्री पद की अवधि का उल्लेख करते हुए कहा कि तब भी पाकिस्तान को खुफिया जानकारी लीक की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि देसाई ने पाकिस्तान के तानाशाह जिया-उल-हक को फोन कर भारत की जासूसी गतिविधियों का खुलासा कर दिया था, जिससे कई RAW एजेंट्स की जान चली गई।
खेड़ा बोले, “मोरारजी ने एक फोन से दशकों की मेहनत मिट्टी में मिला दी। आज वही गलती दोहराई जा रही है। जयशंकर की भूमिका भी उस दौर की याद दिलाती है।”
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