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कोरोना के नए वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता; सिंगापुर में 14,000 केस, भारत में 93 मरीज, चीन-थाईलैंड में अलर्ट जारी

एशिया के कई देशों में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, चीन और थाईलैंड जैसे देशों में हालात चिंताजनक हो गए हैं। भारत में भी अब तक JN1 वैरिएंट से जुड़े 93 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने खास तौर पर बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

सिंगापुर में संक्रमण में 28% की बढ़ोतरी

सिंगापुर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। 1 मई से 19 मई 2025 तक 3000 नए मरीज सामने आए हैं। इससे पहले अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक कुल 11,100 केस थे, जो अब बढ़कर 14,100 हो गए हैं। यह वृद्धि 28% के करीब है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्थिति पर कड़ी नजर रखते हुए संक्रमण की श्रृंखला को रोकने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं।

हॉन्गकॉन्ग में 81 केस, 30 मौतें

हॉन्गकॉन्ग में जनवरी से अब तक 81 केस सामने आए हैं, जिनमें से 30 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन और थाईलैंड में भी स्थिति गंभीर बनती जा रही है, हालांकि मरीजों की सटीक संख्या जारी नहीं की गई है। चीन में बीमारियों की जांच करवाने आए मरीजों में कोरोना के मामले दोगुने हो गए हैं। थाईलैंड में दो अलग-अलग इलाकों में तेजी से केस बढ़ने की रिपोर्ट है। इन देशों में सरकारें अलर्ट पर हैं और बूस्टर डोज लेने की सिफारिश कर रही हैं।

भारत में अब तक 93 मामले

भारत में अब तक कोरोना के नए वैरिएंट JN1 और इसके सब-वेरिएंट्स LF7 और NB1.8 से जुड़े 93 मामलों की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अभी देश में कोई नई लहर नहीं है। मुंबई में डॉक्टरों ने कुछ हल्के लक्षणों वाले मामले दर्ज किए हैं, खासकर युवाओं में। विशेषज्ञों ने सतर्कता बरतने, भीड़ से बचने और बूस्टर वैक्सीन लेने की सलाह दी है।

क्या है JN1 वेरिएंट

JN1 वैरिएंट, ओमिक्रोन के BA2.86 स्ट्रेन का सब-वेरिएंट है। अगस्त 2023 में पहली बार यह सामने आया और दिसंबर 2023 में WHO ने इसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया। इसमें लगभग 30 म्यूटेशन्स हैं जो इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार यह आसानी से फैलता है लेकिन गंभीर नहीं है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वैरिएंट बन चुका है। COVID-19 JN1 के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक बने रह सकते हैं। अगर किसी मरीज के लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो लॉन्ग-COVID की आशंका हो सकती है। थकान, सांस लेने में परेशानी, ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत जैसे लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं।

क्या मौजूदा वैक्सीन्स JN1 पर असरदार हैं

विशेषज्ञों के अनुसार, पुरानी वैक्सीन्स या संक्रमण से बनी एंटीबॉडीज JN1 पर कम प्रभावी हैं। लेकिन WHO द्वारा अनुशंसित XBB.1.5 मोनोवैलेंट बूस्टर वैक्सीन JN1 के खिलाफ प्रभावी मानी जा रही है। यह वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडीज को बढ़ाकर JN1 संक्रमण को 19% से 49% तक रोक सकती है।

चीन में बूस्टर डोज लगवाने पर जोर

चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज एंड प्रिवेंशन के अनुसार, जल्द ही चीन में एक नई कोविड लहर तेज हो सकती है। सरकार ने जनता को बूस्टर शॉट लेने और स्वास्थ्य जांच करवाने की सलाह दी है।

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