
इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आज इंदौर में मीडिया से चर्चा के दौरान केंद्र और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले, पाकिस्तान पर की गई स्ट्राइक और कर्नल सोफिया कुरैशी पर मंत्री विजय शाह की टिप्पणी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार की आलोचना की।
भाजपा की चुप्पी पर उठाया सवाल
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं हाईकोर्ट के जज को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने वह काम किया जो बीजेपी को करना चाहिए था। अदालत के निर्देश पर मंत्री विजय शाह पर एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन आज तक बीजेपी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसका साफ मतलब है कि भाजपा उन्हें बचा रही है। उन्होंने भाजपा नेताओं से सवाल पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा विजय शाह के बयान से सहमत हैं? अगर नहीं, तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
पहलगाम आतंकी हमले पर सरकार की चुप्पी पर भी सवाल
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों ने सटीक कार्रवाई की, जिसकी वह सराहना करते हैं। लेकिन सवाल यह है कि हमला करने वाले चार आतंकियों की पहचान अब तक क्यों नहीं हो पाई है? उन्होंने कहा, “जब अमेरिका ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में खोज सकता है तो हम आतंकियों की पहचान क्यों नहीं कर पा रहे हैं?”
विचारधारा का विरोध कर रही कांग्रेस
कर्नल सोफिया कुरैशी के भाजपा प्रवक्ता बनाए जाने के बाद विजय शाह की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दिग्विजय सिंह ने भाजपा की विचारधारा पर हमला किया। उन्होंने कहा, भाजपा नेताओं ने हर मुद्दे को हिन्दू-मुस्लिम रंग देने की कोशिश की। विजय शाह के बयान में भी वही संघी मानसिकता दिखती है, जिसे हम शुरू से विरोध करते आए हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर भाजपा की ट्रोल आर्मी ने न केवल कर्नल सोफिया कुरैशी, बल्कि भारत सरकार के प्रवक्ता विक्रमजीत और उनके परिवार को भी निशाना बनाया। ये ट्रोल्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फॉलो किए जाते हैं, जो भाजपा की विचारधारा को उजागर करता है।
सीजफायर पर भी उठाए सवाल
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ अचानक सीजफायर का निर्णय कैसे लिया गया, यह सवाल खड़ा करता है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क किया और सीजफायर की पेशकश की, लेकिन इसके बावजूद सीजफायर उल्लंघन क्यों हो रहे हैं?
मोदी विपक्ष की बैठक से डरते क्यों है?
अंत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार किसी भी राष्ट्रीय संकट के समय विपक्ष को विश्वास में नहीं लेती। उन्होंने याद दिलाया कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में जब चीन के साथ संकट हुआ था, तब संसद में विपक्ष को बुलाकर चर्चा की गई थी। आज के प्रधानमंत्री ऐसा करने से शर्माते क्यों हैं? डरते क्यों है? दिग्विजय सिंह ने कहा।