
पाकिस्तान के भीतर दशकों से दमन और मानवाधिकार हनन झेल रहे बलूचिस्तान ने अब खुलकर पाकिस्तान से स्वतंत्रता का ऐलान कर दिया है। बलूच नेता मीर यार बलूच ने बुधवार को घोषणा करते हुए कहा कि बलूचिस्तान अब पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है। उन्होंने भारत समेत वैश्विक समुदाय से समर्थन देने की अपील की है।
बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है– मीर यार बलूच
मीर यार बलूच ने X पर लिखा कि बलूचिस्तान के लोगों ने अपना राष्ट्रीय निर्णय सुना दिया है। अब दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए। तुम मारोगे हम टूटेंगे नहीं। हम अपनी नाक नहीं झुकाएंगे, आओ हमारा साथ दो।
बलूच नेता ने विशेष रूप से भारतीय नागरिकों से आग्रह किया कि वे बलूचों को पाकिस्तान का हिस्सा मानना बंद करें। उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तानी नहीं हैं, हम बलूच हैं।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के अपने लोग पंजाबी हैं, जिन्होंने कभी न बमबारी झेली, न जबरन गायब किए जाने का दर्द।
पीओके पर भारत के रुख का समर्थन
मीर यार बलूच ने भारत द्वारा 14 मई को पाकिस्तान से पीओके खाली करने की मांग का खुला समर्थन किया। उन्होंने लिखा, “बलूचिस्तान भारत के इस निर्णय के साथ खड़ा है। पाकिस्तान को पीओके तुरंत खाली करना चाहिए, ताकि उसे फिर से 1971 की तरह 93000 सैनिकों के आत्मसमर्पण जैसा अपमान न झेलना पड़े।”
उन्होंने पाकिस्तान पर पीओके के नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया और चेताया कि अगर युद्ध हुआ तो इसकी जिम्मेदारी केवल पाकिस्तानी सेना के जनरलों की होगी।
दस्तावेज पेश करने में असफल पाकिस्तान
बलूच नेता ने दावा किया कि पाकिस्तान 27 मार्च 1948 को बलूचिस्तान के विलय को लेकर कोई अंतरराष्ट्रीय या कानूनी दस्तावेज पेश नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान सिर्फ झूठ बोलता आया है। न कोई हस्ताक्षर, न कोई तीसरे देश की गवाही। बलूचिस्तान का पाकिस्तान में विलय पूरी तरह अवैध और जबरन था।”
संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता की तैयारी
बलूचिस्तान की आजादी के ऐलान के बाद मीर यार बलूच ने कहा कि उनका अगला कदम संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता लेना और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता पाना है। उन्होंने कहा, “हम विश्व समुदाय के साथ मैत्रीपूर्ण और दीर्घकालिक संबंध बनाएंगे। आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन, गरीबी उन्मूलन और शांति स्थापना के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे।”
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