
नई दिल्ली। भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी ने सियासी गलियारों में घमासान मचा दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इस बयान को बेहद शर्मनाक बताते हुए इसे सेना और महिलाओं का अपमान करार दिया है। साथ ही, विजय शाह के मंत्री पद से बर्खास्तगी की मांग की गई है।
क्या है विवादित बयान
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह कहते सुने जा सकते हैं, “जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, हमने उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी करवाई।”
यह टिप्पणी हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में कर्नल सोफिया कुरैशी की अगुवाई का संदर्भ लेकर दी गई है, जिसमें भारतीय सेना ने दुश्मन को करारा जवाब दिया।
खड़गे ने बयान को बताया शर्मनाक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताते हुए इसे महिला गरिमा और सेना की प्रतिष्ठा का अपमान बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “यह बयान सिर्फ एक महिला अधिकारी का नहीं, बल्कि पूरे भारतीय सैन्य बलों का अपमान है। प्रधानमंत्री मोदी को तत्काल इस मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए।”
कांग्रेस नेताओं ने जताई नाराजगी
पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा, रेणुका चौधरी, दानिश अली और मोहम्मद जावेद ने भी मंत्री विजय शाह की आलोचना की और इस बयान को सेना का अपमान बताया। उनका कहना है कि यह बयान राजनीतिक लाभ के लिए सैनिकों के बलिदान का उपयोग करने जैसा है, जो पूरी तरह अनुचित है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह मंत्री सेना और महिला दोनों का अपमान कर रहा है। भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि यह भाषा विजय शाह की है या पार्टी की। अगर भाजपा में थोड़ी भी नैतिकता बची है, तो उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल से बाहर किया जाना चाहिए।”
विजय शाह की सफाई- बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया
विवाद बढ़ने पर विजय शाह ने सफाई दी कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया। उन्होंने कहा, “मैं कर्नल सोफिया कुरैशी का पूरा सम्मान करता हूं। उन्होंने देश का गौरव बढ़ाया है। मेरा आशय किसी प्रकार के व्यक्तिगत अपमान का नहीं था।”
बीजेपी प्रवक्ताओं ने भी कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को जानबूझकर राजनीतिक रंग दे रही है।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की जांबाज अधिकारी हैं जिन्होंने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रमुख भूमिका निभाई थी। वे पहली महिला अधिकारी हैं जिन्होंने ऐसे अहम सैन्य अभियान में अग्रणी नेतृत्व करते हुए देश का नाम रोशन किया। ऑपरेशन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका आत्मविश्वास और स्पष्टता पूरे देश में सराही गई।