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सेना की चेतावनी- अगर आज रात सीजफायर तोड़ा तो देंगे करारा जवाब; Operation Sindoor के तहत 40 पाक सैनिक समेत 100 से ज्यादा आतंकवादी ढेर

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम लागू होने के 25 घंटे बाद भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी। इस प्रेस वार्ता में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती मौजूद थे। तीनों वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला कर 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें कंधार हाईजैक और पुलवामा हमले के तीन मुख्य साजिशकर्ता भी शामिल थे।

पहलगाम हमले के बाद की गई जवाबी कार्रवाई

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि पहलगाम में जिस क्रूरता से 26 निर्दोष लोगों की जान ली गई, वह भारत के लिए एक निर्णायक क्षण था। इसके बाद हमारी सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों की पहचान कर उन्हें निशाना बनाया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 ठिकानों पर कार्रवाई की गई और इनमें 100 आतंकवादी ढेर किए गए।

उन्होंने आगे कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से आतंकवाद के खिलाफ थी और पाकिस्तानी सेना के इन्फ्रास्ट्रक्चर या नागरिक ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया।

9 आतंकी ठिकाने तबाह

ले. जनरल घई ने कहा, “हमने पहले सभी टारगेट की पहचान की और उनकी जानकारी इंटेलिजेंस एजेंसियों से सत्यापित करवाई। इसके बाद ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इस कार्रवाई में कंधार हाईजैक और पुलवामा अटैक से जुड़े तीन बड़े आतंकी चेहरों को भी खत्म किया गया।”

उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन न सिर्फ आतंकियों के खिलाफ था, बल्कि इससे जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी खत्म किया गया।

हमारे पास कोई और रास्ता नहीं बचा था

एयर ऑपरेशंस के डायरेक्टर जनरल एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा, “हमारे पास कोई और रास्ता नहीं था। पहलगाम हमले के बाद हमनें सटीक और प्रभावशाली टारगेटिंग की। 9 में से 6 टारगेट एयरफोर्स को दिए गए थे, जिनमें बहावलपुर और मुरीदके स्थित आतंकी ट्रेनिंग कैंप शामिल थे।”

उन्होंने बताया कि इन दोनों कैंपों में ही लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियां चल रही थीं। मुरीदके वही स्थान है जहां अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी।

जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार था भारत

एयरमार्शल भारती ने बताया कि 7 मई की शाम को पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से भारतीय सैन्य ठिकानों को टारगेट करने की कोशिश की, लेकिन हमारी वायुसेना ने उन्हें हवा में ही मार गिराया।  उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की यह प्रतिक्रिया लहरों की तरह आई, जिसमें UAV और ड्रोन शामिल थे। इनमें से 3 ही भारतीय जमीन पर लैंड कर पाए लेकिन बड़ा नुकसान नहीं हुआ,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी बताया कि 8-9 मई की रात को श्रीनगर से लेकर नलिया तक ड्रोन और एयरक्राफ्ट हमले किए गए, परंतु कोई नुकसान नहीं हुआ। भारतीय सेना पूरी तरह तैयार थी और जवाबी कार्रवाई में लाहौर और गुंजरावाला स्थित सर्विलेंस रडार ठिकानों को निशाना बनाया गया।

भारत के 5 जवान शहीद

ले. जनरल राजीव घई ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी और जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 35-40 सैनिक और अधिकारी मारे गए। हालांकि भारत के भी 5 सैनिकों को इस संघर्ष में शहादत देनी पड़ी। उन्होंने कहा, “हमने उनकी हर कोशिश को नाकाम किया, चाहे वह ड्रोन से हमला हो या एयरफील्ड को टारगेट करने की योजना। हमारी वायुसेना और सेना की एयर डिफेंस ने उन्हें सफल नहीं होने दिया।”

सिर्फ आतंकवाद पर निशाना, पाकिस्तानी सेना पर नहीं

एयर मार्शल भारती ने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में सिर्फ आतंकी ठिकानों और इन्फ्रास्ट्रक्चर को ही टारगेट किया। उन्होंने कहा, “हमारी कोई भी कार्रवाई पाकिस्तानी सेना या किसी अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ नहीं थी। यह पूरी तरह आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन था।”

पाकिस्तान डीजीएमओ ने संघर्ष विराम के लिए कॉल

एयर मार्शल भारती ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने उन्हें कॉल कर युद्धविराम की बात की। बातचीत 3.30 बजे हुई और तय हुआ कि शाम 7 बजे के बाद कोई हमला नहीं होगा। हालांकि कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने संघर्षविराम तोड़ते हुए ड्रोन अटैक और गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने कहा, “हमने उन्हें संदेश भेजा कि हम पर किए गए हमलों का जवाब दिया गया है और आगे भी दिया जाएगा यदि दुबारा ऐसा हुआ। इसके बाद हमारे आर्मी चीफ ने हमें जवाबी कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता दी।”

पहलगाम हमले के बाद नौसैनिक ड्रिल

एयर मार्शल भारती ने यह भी बताया कि भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के बाद से अरब सागर में नौसैनिक ड्रिल की और हथियारों की जाँच की। नौसेना ने पाकिस्तान की नौसेना की हर हरकत पर निगरानी रखी। उन्होंने कहा, “हम उनकी हर मूवमेंट से वाकिफ थे। हमारी तैयारी पूरी थी और जवाब देने की क्षमता भी।”

संप्रभुता पर हमला बर्दाश्त नहीं

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में स्पष्ट रूप से कहा, “हमने कोई उत्तेजक कार्रवाई नहीं की। लेकिन अगर हमारी संप्रभुता और अखंडता पर हमला किया गया तो हम निर्णायक और तीव्र प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार हैं।”

उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन का लक्ष्य न केवल आतंकवाद का सफाया करना था, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना था कि भविष्य में भारत पर हमला करने की सोचने से पहले दुश्मन को दस बार सोचना पड़े।

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