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इस साल समय से पहले दस्तक देगा मानसून, 27 मई को पहुंचेगा केरल, 16 साल में पहली बार इतनी जल्दी आएगा

नई दिल्ली। देश में इस बार मानसून तय समय से 4 दिन पहले केरल पहुंचेगा। IMD के मुताबिक, यह 27 मई को केरल तट से टकराएगा, जो 1 जून की सामान्य तिथि से पहले है। अगर ऐसा होता है, तो 16 वर्षों में यह पहली बार होगा जब मानसून इतनी जल्दी दस्तक देगा।

2009 के बाद पहली बार जल्दी आएगा मानसून

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून हर साल 1 जून को केरल पहुंचता है, लेकिन इस साल यह 27 मई को ही केरल में दस्तक देगा। 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था। इसके बाद 2018 में 29 मई और 2024 में 30 मई को मानसून आया था। इस बार की जल्दी एंट्री, बीते 16 वर्षों में सबसे तेज होगी।

देशभर में कब तक पहुंचेगा मानसून

IMD के अनुसार, केरल में एंट्री के बाद मानसून धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में फैलता है। आमतौर पर 1 जून से 8 जुलाई तक यह देश के सभी हिस्सों में पहुंच जाता है। इसके बाद 17 सितंबर के आसपास यह राजस्थान से वापसी शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह समाप्त हो जाता है।

इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान

अर्थ एंड साइंस मिनिस्ट्री के अनुसार, जून से सितंबर के बीच मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। चार महीनों के दौरान औसतन 87 सेमी वर्षा हो सकती है, जो सामान्य का 105% होगी।

IMD के मापदंडों के अनुसार, अगर 96% से 104% बारिश होती है तो उसे सामान्य सामान्य माना जाता है। 90% से 95% को सामान्य से कम, 90% से कम को सामान्य से बहुत कम, 104% से 110% को सामान्य से ज्यादा और 110% से अधिक को बहुत ज्यादा बारिश माना जाता है।

IMD के मुताबिक, मानसून की शुरुआती तारीख और देशभर में वर्षा की मात्रा के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता। यानी अगर मानसून केरल में जल्दी आता है, तो इसका मतलब यह नहीं कि पूरे देश में भी बारिश जल्द या ज्यादा होगी।

13 मई तक अंडमान-निकोबार में दस्तक देगा मानसून

IMD ने पहले ही 9 मई को यह संकेत दे दिया था कि 13 मई तक मानसून अंडमान-निकोबार और बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में प्रवेश कर सकता है। हालांकि, भारत में मानसून की आधिकारिक शुरुआत तब मानी जाती है जब यह केरल पहुंचता है।

पिछले 5 वर्षों में कितना सटीक रहा मानसून का पूर्वानुमान

पिछले पांच वर्षों में IMD और निजी एजेंसी स्काईमेट का अनुमान लगभग सटीक रहा है:

साल 2024 में, 108% वर्षा हुई, IMD ने 106% और स्काईमेट ने 102% का अनुमान लगाया था। 2023 में 94% वर्षा हुई, IMD का अनुमान 96% और स्काईमेट का 94% था। वहीं साल 2022 में, 106% वर्षा, दोनों एजेंसियों के अनुमान से अधिक रही।

मानसून की सबसे जल्दी दस्तक कब हुई

IMD के अनुसार, बीते 150 वर्षों में मानसून के आगमन की तारीखों में बड़ा अंतर देखा गया है। सबसे जल्दी 11 मई 1918 को मानसून की दस्तक हुई और सबसे देर से 18 जून 1972 को आगमन हुआ।

बता दें, अच्छी बारिश से देश की अर्थव्यवस्था को राहत मिलती है। भारत में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए मानसून जीवनरेखा के समान है। भारत की 42.3% आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि का GDP में योगदान 18.2% है। सालाना कुल बारिश का 70% भाग मानसून के दौरान ही होता है। भारत में, 70-80% किसान सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर हैं।

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