
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सीमा तनाव और लगातार हो रही गोलीबारी व ड्रोन हमलों के बीच शांति की एक बड़ी पहल सामने आई है। अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देशों ने युद्धविराम (सीजफायर) पर सहमति जता दी है। यह दावा यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव की आशंका तेजी से बढ़ रही थी और दुनिया भर में क्षेत्रीय शांति को लेकर चिंता जताई जा रही थी।
इस समझौते को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक ट्वीट करते हुए इसे “दोनों देशों की सामान्य समझदारी और महान बुद्धिमत्ता” का परिणाम बताया। ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान को इस “शांति प्रयास” के लिए बधाई दी है और आशा जताई है कि इससे सीमा पर शांति बहाल होगी।
शीर्ष अधिकारियों के साथ गहन बातचीत
पाकिस्तानी सेना ने आज सुबह दावा किया कि भारत ने शोरकोट में रफीकी एयरबेस, चकवाल में मुरीद एयरबेस और रावलपिंडी में चकलाला कैंट पर बड़ा हमला किया है। इसके जवाब में उन्होंने भारत के 10 ठिकानों पर हमला करने का दावा किया।
गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ट्वीट करते हुए लिखा- “भारत और पाकिस्तान के बीच आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी है। भारत ने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के खिलाफ लगातार दृढ़ और अडिग रुख बनाए रखा है। भारत ऐसा करना जारी रखेगा।”
पाकिस्तान ने की युद्ध विराम की पुष्टि
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान-भारत ने तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम पर सहमति जताई है। पाकिस्तान ने हमेशा अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास किया है।
ड्रोन हमलों से दहशत
पिछले कुछ दिनों में भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालात तेजी से बिगड़ते दिखे। जम्मू-कश्मीर के कई सीमाई सेक्टरों- उरी, पुंछ, नौगाम, तंगधार, केरन में पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी और ड्रोन हमलों की घटनाएं सामने आईं। पंजाब के फिरोजपुर में मिसाइल अटैक, चंडीगढ़ और अंबाला में एयर रेड अलर्ट और राजस्थान के पोखरण में ड्रोन घुसपैठ जैसी घटनाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया था।
इन घटनाओं के बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए कई सीमाई इलाकों में सैन्य बल बढ़ा दिए थे और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया था। जम्मू एयरपोर्ट, सांबा और राजौरी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सायरन बजाए गए, जिससे लोगों में भय का माहौल बन गया था।