
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर इंडियन आर्मी की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हो चुकी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले एयर स्ट्राइक का वीडियो प्ले किया। 10.34 पर वीडियो शुरू हुआ, 10.36 पर खत्म हुआ। कुल 2 मिनट चला।
विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने मीडिया को जानकारी दी।
पहलगाम हमला पाकिस्तान की साजिश का हिस्सा-विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री
विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी और पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकियों ने अंजाम दिया। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की हत्या की गई। उन्होंने कहा कि 26/11 के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है।
मिस्त्री ने कहा कि यह हमला बेहद कायराना था, जिसमें परिवारों के सामने लोगों को मारा गया और आतंकियों ने लोगों से कहा कि वे इसका संदेश फैलाएं। इस हमले का मकसद जम्मू-कश्मीर में सुधरते हालात और बढ़ते पर्यटन को नुकसान पहुंचाना था। पिछले साल 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक कश्मीर आए थे, और आतंकी नहीं चाहते कि राज्य तरक्की करे।
विदेश सचिव ने बताया कि TRF नाम के संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली है। यह संगठन लश्कर से जुड़ा हुआ है और संयुक्त राष्ट्र द्वारा बैन किया गया है। TRF को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन एक नकाब की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि असली भूमिका छिपाई जा सके।
हमले की जांच में सामने आया है कि इसके पीछे पाकिस्तान और वहां से संचालित आतंकी संगठन हैं। TRF और लश्कर से जुड़े सोशल मीडिया पोस्ट और हमलावरों की पहचान से इस बात की पुष्टि होती है। मिस्त्री ने कहा कि पाकिस्तान अब आतंकवादियों की पनाहगाह बन चुका है और सीमा पार से भारत में आतंकी हमले करवाने की उसकी रणनीति अब सबके सामने है।
विदेश सचिव बोले- अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना जरूरी था
मिस्री बोले- पहलगाम में हुए हमले से लोगों में गुस्सा देखने को मिला। अब भारत सरकार ने पाकिस्तान के संबंधों को लेकर कुछ कदम उठाए। यह जरूरी है कि 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाना जरूरी था। इन्हें रोकना जरूरी था।
इन्हें रोकने के अधिकार का हमने इस्तेमाल किया है। यह कार्रवाई नपी-तुली और जिम्मेदारीपूर्ण है। आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने और आतंकियों को अक्षम बनाने पर केंद्रित है। आतंकवाद के इस निंदनीय कार्य के आपराधियों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता यूएन ने भी कही थी।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका- आतंकी लॉन्च पैड, ट्रेनिंग सेंटर टारगेट किए गए
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा- रात एक बजकर पांच मिनट और एक बजकर 30 मिनट के बीच ऑपरेशन सिंदूर हुआ। यह ऑपरेशन पहलगाम में मारे गए पर्यटकों के लिए करवाया गया। पाकिस्तान में कई दशकों से आतंकवादियों का निर्माण हो रहा है। सभी को मिलकर 9 टारगेट पहचाने गए थे और इन्हें हमने तबाह कर दिया। इसमें आतंकी लॉन्च पैड और ट्रेनिंग सेंटर्स शामिल थे।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने दी जानकारी, कहां-कहां किए गए हमले?
भारतीय खुफिया एजेंसी RAW की पक्की जानकारी के आधार पर भारतीय सेनाओं ने आतंकियों के प्रमुख ठिकानों को टारगेट किया। जानिए किन जगहों पर हुई कार्रवाई:
- बहावलपुर (पाकिस्तान) – जैश का मुख्यालय, इंटरनेशनल बॉर्डर से 100 किमी दूर।
- मुरीदके (पाकिस्तान) – लश्कर-ए-तैयबा का शिविर, IB से 30 किमी दूर।
- गुलपुर (POK) – LoC से 35 किमी दूर जैश का अड्डा।
- लश्कर कैंप सवाई (POK) – तंगधार सेक्टर में 30 किमी अंदर।
- बिलाल कैंप (POK) – जैश का लॉन्चपैड, घुसपैठ की तैयारी यहीं होती थी।
- कोटली (POK) – LoC से 15 किमी दूर, 50+ आतंकियों की क्षमता वाला शिविर।
- बरनाला कैंप (POK) – LoC से 10 किमी दूर स्थित लश्कर अड्डा।
- सरजाल कैंप (पाकिस्तान) – जैश का ट्रेनिंग सेंटर, IB से 8 किमी दूर।
- मेहमूना कैंप (पाकिस्तान) – सियालकोट के पास हिज्बुल का शिविर, IB से 15 किमी पर।
इसके साथ कर्नल ने बताया कि किसी भी सैन्य ठिकानों या सिविलियन्स को निशाना नहीं बनाया गया है। सिर्फ और सिर्फ आतंकवादी ठिकानों पर ही हमला किया गया है।
देखें LIVE UPDATES-
1971 के युद्ध के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर किसी ऑपरेशन को अंजाम दिया है। करीब 54 साल बाद तीनों सेनाओं ने एक साथ मिलकर आतंकियों के ठिकानों पर कार्रवाई की है। इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की, जहां सुरक्षा और रक्षा नीति से जुड़ी अहम बातचीत हुई।