
रांची। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को रांची में आयोजित ‘संविधान बचाओ रैली’ में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने दावा किया कि इस हमले से तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुफिया रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसमें हमले की आशंका जताई गई थी। बावजूद इसके, सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए, जिससे 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई।
खरगे ने कहा, “अगर प्रधानमंत्री को जानकारी थी, तो वही खुफिया रिपोर्ट सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय पुलिस को क्यों नहीं भेजी गई? क्या आम नागरिकों की जान की कोई कीमत नहीं है?”
आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ, लेकिन सुरक्षा में चूक बर्दाश्त नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पाकिस्तान द्वारा अंजाम दिए गए आतंकवाद के खिलाफ सरकार के हर कदम का समर्थन करती है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को सुरक्षा के मोर्चे पर कोताही नहीं बरतनी चाहिए। खरगे ने सरकार से पूछा, “जब सरकार खुद खुफिया चूक मान रही है, तो इन मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा?”
मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर तीखा हमला
रैली में खरगे ने मोदी सरकार की आर्थिक और रोजगार संबंधी नीतियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में 30 लाख से ज्यादा सरकारी पद खाली पड़े हैं, लेकिन उन्हें भरने की कोई इच्छाशक्ति सरकार में नहीं दिखती। खरगे ने कहा, “सरकार गरीबों को नौकरी देने के बजाय PSU बंद करने और रोजगार छीनने की नीति पर काम कर रही है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि कई सार्वजनिक उपक्रमों में कर्मचारियों को महीनों तक वेतन नहीं मिल रहा, जबकि सरकार दावा करती है कि देश आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है।
उन्होंने कहा, “विकास सिर्फ आंकड़ों से नहीं, जमीनी हकीकत से तय होता है। जनता को बेरोजगारी, महंगाई और वेतन संकट का सामना करना पड़ रहा है।”
झारखंड की जनता को धन्यवाद
रैली के दौरान खरगे ने झारखंड की जनता को धन्यवाद दिया और कहा कि इंडिया गठबंधन को जो समर्थन मिला है, वह जनता की जीत है। उन्होंने कहा कि झारखंड में चल रही सरकार जनता से किए वादों को निभा रही है और एक मजबूत, जनहितैषी प्रशासन दे रही है।
शहीद नेताओं को दी श्रद्धांजलि
खरगे ने रैली के दौरान देश की एकता और संविधान की रक्षा के लिए शहीद हुए नेताओं को भी याद किया। उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और महात्मा गांधी के बलिदानों का स्मरण करते हुए कहा, “देश सबसे पहले है, उसके बाद धर्म, जाति और पार्टी।”
उन्होंने सभी से संविधान, लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव की रक्षा करने की अपील की।
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