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भोपाल लव जिहाद केस : राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम पहुंची कॉलेज, प्रशासन व स्टाफ से की गहन पूछताछ, छात्राओं के सुरक्षा इंतजाम का लिया जायजा

भोपाल। राजधानी भोपाल के एक निजी कॉलेज में छात्राओं के साथ कथित रेप, ब्लैकमेलिंग और लव जिहाद से जुड़े गंभीर मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की एंट्री हो गई है। इस मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की तीन सदस्यीय टीम भोपाल पहुंच चुकी है और लगातार अलग-अलग स्तर पर जांच व संवाद कर रही है। सोमवार को आयोग की टीम ने रायसेन रोड स्थित संबंधित कॉलेज का दौरा किया और वहां के प्रशासनिक अधिकारियों, स्टाफ और छात्राओं से गहन बातचीत की।

कॉलेज में सुरक्षा इंतजामों की जांच

महिला आयोग की टीम ने कॉलेज परिसर में छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम का उद्देश्य यह समझना था कि क्या पीड़ित छात्राओं ने पूर्व में किसी भी तरह की शिकायत कॉलेज प्रशासन या उच्च अधिकारियों से की थी और उस पर क्या कार्रवाई हुई। टीम ने सुरक्षा कैमरों की स्थिति, महिला स्टाफ की उपलब्धता और छात्राओं की काउंसलिंग से संबंधित उपायों की भी समीक्षा की।

एफआईआर के आधार पर SIT की जांच

पांच पीड़िताओं की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) भी इस मामले में सक्रिय है। सोमवार को SIT के वरिष्ठ अधिकारी भी आयोग की टीम के साथ कॉलेज पहुंचे और जांच के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। कॉलेज में मौजूद स्टाफ, विभाग प्रमुखों और शिक्षकों से आयोग की टीम ने अलग-अलग बैठकों में सवाल-जवाब किए।

होटल रेडिसन में हुई विशेष बैठक

सूत्रों के अनुसार, सोमवार को महिला आयोग की टीम और भोपाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच होटल रेडिसन में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में केस की अब तक की स्थिति, जांच में सामने आए तथ्य और आगे की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। इससे पहले शनिवार को आयोग की टीम बाग सेवनिया थाने गई थी, जहां सबसे पहले मामला दर्ज हुआ था। रविवार को आयोग ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी थी।

दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग

राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जांच प्रक्रिया की सतत निगरानी की जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर सभी संबंधित पक्षों को दिशा-निर्देश भी दिए जाएंगे। आयोग का उद्देश्य है कि पीड़ित छात्राओं को पूर्ण न्याय मिले और किसी भी दोषी को बख्शा न जाए। आयोग यह भी सुनिश्चित करेगा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और संस्थानों में सुरक्षा मानकों को मजबूती मिले।

झारखंड की पूर्व डीजीपी और हाईकोर्ट की वरिष्ठ वकील जांच टीम में शामिल

इस गंभीर मामले की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय विशेष समिति में झारखंड की पूर्व डीजीपी निर्मल कौर, हाईकोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता निर्मला नायक और एक अन्य सदस्य शामिल हैं। ये सभी अधिकारी भोपाल पहुंचकर जमीनी हकीकत से रूबरू हो रहे हैं और सभी पक्षों की बात सुनकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। यह रिपोर्ट राष्ट्रीय महिला आयोग को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर भविष्य की कार्यवाही तय की जाएगी।

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