
ग्वालियर के पटेल नगर स्थित क्वालिटी रेस्टोरेंट में उस समय हंगामा हो गया जब लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को टेबल नहीं मिली। मंत्री जी गुस्से में आ गए और होटल की साफ-सफाई को लेकर सवाल उठाते हुए फूड विभाग की टीम को बुला लिया।
आधी रात तक चली जांच, लिए गए सैंपल
फूड सेफ्टी विभाग की टीम रात करीब सवा 11 बजे तक रेस्टोरेंट में मौजूद रही। टीम ने किचन में जाकर तेल, पनीर और मावा के कुल 5 सैंपल लिए। मौके पर भाजपा के जिला अध्यक्ष जयप्रकाश राजौरिया, मीडिया प्रभारी और पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। इसके बाद मंत्री जी को टेबल मिल गई और मामला शांत हुआ।
होटल स्टाफ ने नहीं पहचाना मंत्री को
रविवार को मंत्री पटेल, ग्वालियर में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे की शादी में शामिल होने आए थे। समारोह के बाद वे परिवार के साथ रेस्टोरेंट पहुंचे। उस समय वे फॉर्मल ड्रेस में थे और स्टाफ उन्हें पहचान नहीं सका। चूंकि रेस्टोरेंट में पहले से भीड़ थी, सभी टेबल बुक थीं। स्टाफ ने मंत्री को थोड़ी देर इंतजार करने को कहा जिससे वे नाराज हो गए।
होटल संचालक का आरोप – पीएसओ ने की धक्कामुक्की
होटल संचालक कमल अरोरा ने बताया कि उन्हें पहले से दो कॉल आए थे – एक लोकेंद्र सिंह और दूसरा एफएसओ बुंदेला का – जिसमें मंत्री के लिए टेबल बुक रखने को कहा गया था। जब मंत्री पहुंचे और टेबल मांगी गई तो स्टाफ ने सिर्फ ये पूछा कि किसके कहने पर आए हैं। इसी बात पर मंत्री नाराज हो गए और उनके साथ मौजूद PSO व समर्थकों ने स्टाफ से धक्कामुक्की की।
व्यापारियों ने जताया विरोध, बर्खास्तगी की मांग
घटना के बाद चेंबर ऑफ कॉमर्स और अन्य व्यापारी संगठनों के लोग भी मौके पर पहुंचे। चेंबर अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि यह मंत्री की तानाशाही और गुंडागर्दी है। वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मंत्री पटेल को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।
मंत्री का पक्ष – रेस्टोरेंट की जांच करने गया था
मंत्री नरेंद्र पटेल ने सफाई देते हुए कहा कि वे ग्वालियर में अस्पताल और एंबुलेंस की जांच के सिलसिले में आए थे। उसी क्रम में क्वालिटी रेस्टोरेंट की भी जांच करने पहुंचे थे। उनका आरोप है कि वहां स्टाफ ने उनसे बदतमीजी की। उन्होंने कहा, “जब मंत्री से ऐसा व्यवहार हो रहा है, तो आम अधिकारी और कर्मचारियों के साथ ये कैसा बर्ताव करते होंगे।”