
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार (3 अप्रैल 2025) को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात प्रधानमंत्री आवास पर हुई और करीब आधे घंटे तक चली। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान पहलगाम आतंकी हमले के बाद बने हालात और केंद्र सरकार के कदमों पर चर्चा की गई।
सिंधु जल संधि पर भी हुई चर्चा
बैठक में सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने के मुद्दे पर भी बात हुई। उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री से इसके प्रभावों पर चर्चा की, क्योंकि इसका सीधा असर जम्मू-कश्मीर की जनता और कृषि पर पड़ सकता है।
इस त्रासदी में राजनीति नहीं होनी चाहिए – उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र में उमर अब्दुल्ला ने साफ शब्दों में कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं है। उन्होंने कहा,
“मैं इस त्रासदी का इस्तेमाल केंद्र से राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं कर सकता। क्या मेरी राजनीति इतनी ओछी हो सकती है कि मैं 26 मासूम लोगों की हत्या को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करूं?”
“पूरा देश इस हमले की चपेट में”
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम हमला सिर्फ जम्मू-कश्मीर नहीं, बल्कि पूरे भारत पर हमला है। 22 अप्रैल को बैसरन मैदान में आतंकियों ने 25 पर्यटकों और एक स्थानीय घोड़े वाले की बेरहमी से हत्या कर दी। उन्होंने कहा, “उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम – पूरा देश इस दर्द से गुज़र रहा है।”
“ये वक्त केवल समर्थन का है”
अपने भाषण के अंत में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस समय न तो राजनीति होनी चाहिए, न ही कोई मांग रखी जानी चाहिए। यह केवल पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ खड़े होने का वक्त है। हम पहले भी राज्य के दर्जे की बात कर चुके हैं और भविष्य में भी करेंगे, लेकिन इस हमले के समय ऐसा करना इंसानियत के खिलाफ होगा।