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भोपाल : समाधान ऑनलाइन में आए 14 जिलों के प्रकरणों की सीधी सुनवाई, सीएम बोले- समयसीमा में समस्याओं का समाधान हो

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट संदेश दिया है कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही वास्तविक सुशासन है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बेहतर संवाद स्थापित करें और उनके सुझावों पर अमल सुनिश्चित करें। साथ ही, उन्होंने सभी जिलों में चल रही गतिविधियों पर पैनी नजर रखने और शासन की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सजग रहने के निर्देश दिए।

समाधान ऑनलाइन में लापरवाही पर कार्रवाई

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘समाधान ऑनलाइन’ के माध्यम से प्रदेश के 14 जिलों के विभिन्न प्रकरणों की समीक्षा की और आवेदकों से सीधे संवाद कर समस्याओं के निराकरण की स्थिति जानी। इस दौरान नागरिक सेवाओं में लापरवाही पाए जाने पर उन्होंने नगरीय आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक समेत तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। इसके अलावा, नायब तहसीलदार, एक प्राचार्य सहित आधा दर्जन अधिकारियों और कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई समस्या ‘समाधान ऑनलाइन’ तक पहुंचती है, तो यह इस बात का संकेत है कि स्थानीय स्तर पर समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा, जो सुशासन के लिए चिंताजनक है।

समयसीमा में समस्याओं का समाधान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन और अन्य माध्यमों से प्राप्त होने वाले सभी आवेदनों का निपटारा तय समयसीमा के भीतर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिकों को अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के लिए अधिकारियों के चक्कर न लगाने पड़ें, यही सच्चा सुशासन है। उन्होंने कलेक्टरों से सरकार की योजनाओं के डिलीवरी सिस्टम को मजबूत करने पर जोर देते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि आमजन को योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के मिले।

फीडबैक के आधार पर सुधार के निर्देश

सीएम ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सभी जिलों के प्रदर्शन की ग्रेडिंग कराई गई है, जिसमें कई जिलों का प्रदर्शन अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे जिलों को अपना प्रदर्शन सुधारना होगा। इसके साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस के बारे में जनता से फीडबैक भी लिया जा रहा है, जिससे प्रशासन को अपनी कार्यप्रणाली सुधारने का अवसर मिल सके।

पराली जलाना हल नहीं- सीएम

पर्यावरण संरक्षण और भूमि उर्वरता के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने विशेष चिंता जताते हुए निर्देश दिए कि किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है बल्कि खेत की मिट्टी की उर्वरता भी नष्ट होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली जलाना कोई हल नहीं है। किसानों को विकल्पों की जानकारी दें और उन्हें प्रोत्साहित करें कि वे वैज्ञानिक और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों से पराली का निपटान करें।

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