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डोनाल्ड ट्रंप ने माइक वाल्ट्ज को संयुक्त राष्ट्र में नया राजदूत नियुक्त किया, विदेश मंत्री मार्को रुबियो को सौंपी NSA की जिम्मेदारी

वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल का अब तक का सबसे बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए माइक वाल्ट्ज को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का नया राजदूत नियुक्त किया है। माइक वाल्ट्ज अब तक अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के पद पर कार्यरत थे। ट्रंप ने उनके स्थान पर अब विदेश मंत्री मार्को रुबियो को NSA का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।

वाल्ट्ज की विदाई की थी पहले से तैयारी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, माइक वाल्ट्ज पहले से ही अपना पद छोड़ने की तैयारी कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरुआत में ही उन्हें स्पष्ट रूप से कह दिया गया था कि उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। यह ट्रंप प्रशासन में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है।

सुरक्षा चूक बनी वजह

वाल्ट्ज की विदाई का बड़ा कारण एक सुरक्षा चूक माना जा रहा है। दरअसल, उन्होंने गलती से एक प्रमुख पत्रकार जेफ्री गोल्डबर्ग को उस सीक्रेट चैट ग्रुप में जोड़ दिया था, जिसमें अमेरिका के सैन्य अभियान को लेकर गोपनीय चर्चाएं हो रही थीं। यह ग्रुप सिग्नल ऐप पर बनाया गया था।

द अटलांटिक पत्रिका के मुख्य संपादक गोल्डबर्ग ने खुद इस घटना का खुलासा किया और बताया कि उन्हें इस ग्रुप में गलती से जोड़ा गया था। 15 मार्च को सुबह 11:44 बजे अमेरिकी रक्षामंत्री पीट हेगसेथ ने इस ग्रुप में यमन में हूती विद्रोहियों पर होने वाले हमले की पूरी योजना साझा की थी, जिसमें हमलों की टाइमिंग, टारगेट्स और हथियारों की जानकारी शामिल थी।

इस सीक्रेट ग्रुप में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी शामिल थे। माना जा रहा है कि इस लीक के कारण ही वाल्ट्ज के भविष्य पर सवाल उठने लगे थे और अंततः उन्हें NSA पद से हटाकर संयुक्त राष्ट्र में भेजा गया।

भारत समर्थक रहे हैं वाल्ट्ज

माइक वाल्ट्ज को भारत समर्थक नेता माना जाता है। वे चीन और ईरान के कट्टर विरोधी रहे हैं और अमेरिका की चीन पर निर्भरता कम करने से जुड़े कई विधेयकों का समर्थन कर चुके हैं। वाल्ट्ज अमेरिकी सेना की प्रतिष्ठित ग्रीन बेरे स्पेशल यूनिट के कमांडो रह चुके हैं। उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ी और मिडिल ईस्ट व अफ्रीका में भी अपनी सैन्य सेवाएं दी हैं। बाइडेन प्रशासन द्वारा अफगानिस्तान से सेना की वापसी के वह खुले आलोचक रहे हैं।

व्हाइट हाउस से ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में विदा लेने वाले पहले सीनियर अफसर

पूर्व सांसद रहे माइक वाल्ट्ज ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में व्हाइट हाउस छोड़ने वाले पहले सीनियर अधिकारी हैं। गौरतलब है कि ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी NSA के पद पर लगातार बदलाव होते रहे। जनरल एच आर मैकमास्टर जैसे वरिष्ठ अधिकारी सिर्फ 22 दिन ही इस पद पर रह पाए थे।

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