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हम भारत के साथ… PM मोदी को ट्रंप सरकार का पूरा समर्थन, अमेरिकी उपराष्ट्रपति बोले- उम्मीद है इंडिया पाकिस्तान के साथ क्षेत्रीय संघर्ष से बचेगा

वॉशिंगटन। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, भारत को इस हमले का ऐसा जवाब देना चाहिए जिससे किसी बड़े क्षेत्रीय संघर्ष की स्थिति न बने। उन्होंने पाकिस्तान से भी आतंकियों के खिलाफ भारत के साथ मिलकर कार्रवाई करने की मांग की।

वेंस ने एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में कहा, “अगर पाकिस्तान किसी भी रूप में जिम्मेदार है, तो वह भारत के साथ मिलकर उन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा जो कभी-कभी उनकी जमीन से ऑपरेट करते हैं। हमें उम्मीद है कि भारत जवाब जरूर देगा, लेकिन ऐसा नहीं कि मामला युद्ध तक पहुंच जाए।”

वेंस ने पीएम मोदी से की थी बात

हमले के समय वेंस अपने परिवार के साथ भारत दौरे पर थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर संवेदना जताई थी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ हर संभव सहयोग देने को तैयार है।

ट्रंप सरकार की भी सख्त चेतावनी

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने भी भारत को समर्थन दिया है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने साफ कहा कि “अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।” उन्होंने बताया कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान दोनों से संपर्क में है और हालात पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।

ब्रूस ने कहा कि, राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को “पूरा समर्थन” दिया है और पाकिस्तान को चेतावनी दी गई है कि वह आतंकवाद को प्रोत्साहित करना बंद करे।

दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बातचीत

इस हमले के बाद भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के बीच फोन पर बातचीत हुई। हेगसेथ ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया और कहा कि अमेरिका इस संघर्ष में भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है।

राजनाथ सिंह ने इस दौरान पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान लंबे समय से आतंकियों को समर्थन, प्रशिक्षण और फंडिंग देता आ रहा है। अब वह एक ‘दुष्ट राष्ट्र’ के रूप में पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है।

पाकिस्तान पर अमेरिका का दबाव

विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत और पाकिस्तान दोनों से बातचीत की। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि अमेरिका उम्मीद करता है कि पाकिस्तान इस हमले की निंदा करे और जांच में सहयोग करे।

शरीफ ने अमेरिका से अपील की है कि, वह भारत पर “जिम्मेदार तरीके से पेश आने” का दबाव बनाए। लेकिन रुबियो ने शरीफ से कहा कि पाकिस्तान को अब आतंकियों को समर्थन देना बंद करना होगा और क्षेत्रीय शांति के लिए भारत से सहयोग करना होगा।

अमेरिका ने फिर दोहराई अपनी प्रतिबद्धता

अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि अमेरिका भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराता है। अमेरिका ने यह भी कहा कि हमले में मारे गए 26 लोगों को न्याय दिलाना जरूरी है और इसके लिए दोषियों, मददगारों और योजनाकारों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

अमेरिका ने यह भी साफ किया कि वह दोनों देशों से अपेक्षा करता है कि वे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखें और किसी भी तरह के टकराव से बचें।

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