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Akshaya Tritiya 2025 : कब है अक्षय तृतीया ? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, आखिर इस दिन क्यों खरीदते हैं सोना…

अक्षय तृतीया हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह तिथि 29 अप्रैल को शाम 5:31 बजे से शुरू होकर 30 अप्रैल को दोपहर 2:12 बजे तक है।

काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट और पंचांग के अनुसार, 30 अप्रैल 2025 को सूर्योदय के समय तृतीया तिथि होने के कारण अक्षय तृतीया इसी दिन मनाई जाएगी।

अक्षय तृतीया के 4 खास शुभ मुहूर्त

हालांकि पूरे दिन को शुभ माना जाता है, लेकिन नीचे दिए गए 4 लग्न विशेष फलदायी होते हैं-

  • वृषभ लग्न : सुबह 4:00 से 6:19 बजे तक
  • सिंह लग्न : सुबह 10:51 से दोपहर 1:05 बजे तक
  • वृश्चिक लग्न : शाम 5:34 से 7:51 बजे तक
  • कुंभ लग्न : रात 11:44 से 1:00 बजे तक

अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त – 03:55 ए एम से 04:39 ए एम
  • प्रातः सन्ध्या – 04:17 ए एम से 05:23 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त – कोई नहीं
  • विजय मुहूर्त – 02:06 पी एम से 02:59 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त – 06:27 पी एम से 06:49 पी एम
  • सायाह्न सन्ध्या – 06:28 पी एम से 07:33 पी एम
  • अमृत काल – 01:26 पी एम से 02:52 पी एम
  • निशिता मुहूर्त – 11:33 पी एम से 12:17 ए एम, 01 मई
  • सर्वार्थ सिद्धि योग – पूरे दिन
  • रवि योग – 04:18 पी एम से 05:22 ए एम, 01 मई

अक्षय तृतीया पर किसकी होती है पूजा?

इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। गंगाजल मिलाकर स्नान करें और लाल या पीले वस्त्र पहनें। चौकी पर भगवान की प्रतिमा रखकर उन्हें चंदन, अक्षत, पुष्प, धूप-दीप अर्पित करें।

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और खीर का भोग लगाएं, फिर आरती कर प्रसाद बांटें।

क्या खरीदें और क्या करें दान?

  • इस दिन सोना खरीदना अत्यंत शुभ माना गया है क्योंकि यह मां लक्ष्मी का प्रतीक है।
  • दान में आप सत्तू, जल से भरा घड़ा, फल, छाता, पंखा और गाय आदि दें।

किस राशि के लिए शुभ है ये तिथि?

मेष, वृषभ, कर्क, सिंह, तुला और धनु राशि वालों के लिए अक्षय तृतीया अत्यंत शुभ है। ये लोग पीला कपड़ा, हल्दी, चने की दाल, पीली सरसों और सोना दान करें।

अक्षय तृतीया का महत्व

यह दिन सदैव शुभ होता है। इस दिन किया गया कोई भी शुभ काम जैसे शादी, खरीदारी, निवेश आदि कभी निष्फल नहीं होता। साथ ही दान-पुण्य करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

अक्षय तृतीया पूजा विधि

अक्षय तृतीया के दिन पूजा विधि का पालन करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन पूजा इस प्रकार करें-

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीले कपड़े को बिछाएं।
  • उस पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • दोनों को गंगाजल से स्नान कराएं और फिर रोली, चंदन, अक्षत (चावल), फूल, धूप और दीप अर्पित करें।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।
  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना विशेष फलदायक होता है।
  • उन्हें खीर या कोई मीठा भोग लगाएं।
  • अंत में आरती करें और प्रसाद बांटें।

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