
इंदौर। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी शुक्रवार को जिला कोर्ट में पेश हुए। यह पेशी सांवेर उपचुनाव के दौरान शासकीय कार्य में बाधा डालने और कोविड काल में प्रदर्शन करने से जुड़े मामलों में हुई। पटवारी अपने समर्थकों के साथ सुबह कोर्ट पहुंचे और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कोविड में जनता के हक के लिए किया प्रदर्शन
मीडिया से चर्चा में जीतू पटवारी ने कहा कि कोविड के समय सरकार की नाकामियों को सामने लाने के लिए विपक्ष का जो दायित्व था, हमने निभाया। उस दौरान लोगों की जानें जा रही थीं, न अस्पताल थे, न ऑक्सीजन और न ही बेड। हम आवाज उठा रहे थे, ताकि सरकार चेत जाए। उसी संघर्ष को लेकर आज कोर्ट में पेश हुआ हूं। पटवारी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं हुआ है, क्योंकि पहले ही उन्हें मेडिकल आधार पर पेशी से माफी दी जा चुकी थी।
सांवेर उपचुनाव में ज्ञापन देने पर मामला दर्ज
एडवोकेट संतोष यादव ने बताया कि 2018 में हुए सांवेर विधानसभा उपचुनाव के दौरान एक कांग्रेस समर्थक पर जिला बदर की कार्रवाई की गई थी। इसके विरोध में कांग्रेस नेताओं ने डीआईजी को ज्ञापन सौंपा था। इसी क्रम में शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप में केस दर्ज हुआ और कुछ नेताओं के खिलाफ वारंट भी जारी किए गए। शुक्रवार को उसी केस की सुनवाई थी। इसमें पंकज संघवी, विनय बाकलीवाल समेत 15-16 नेताओं की जमानत पर भी सुनवाई हुई।
चिंटू चौकसे पर केस पर बोले पटवारी
पटवारी ने नगर निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे के खिलाफ दर्ज एफआईआर को सत्ता का दुरुपयोग बताया। उन्होंने कहा, “चिंटू चौकसे ने निगम में हुए 2 हजार करोड़ के घोटाले का मुद्दा उठाया था। उन्होंने बताया कि किस तरह अफसर और पार्षद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। निगम के करीब 2 हजार कर्मचारी नेताओं और अफसरों के यहां अटैच हैं, जिनकी सैलरी जनता दे रही है। लेकिन मुद्दा उठाने पर चिंटू पर 307 जैसी गंभीर धारा लगाकर जेल भेज दिया गया।”
अब तक हो चुकी 25 से अधिक पेशियां
पटवारी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं की यह कोई पहली पेशी नहीं थी। अब तक 20 से 25 बार कोर्ट में पेशी हो चुकी है। हालांकि, कोर्ट ने फिलहाल पटवारी को मेडिकल ग्राउंड पर राहत देते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया।
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