
बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश की हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी कृति को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट में पेश करने के बाद पत्नी को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया है। शुरुआती जांच में प्रॉपर्टी विवाद, मानसिक बीमारी और घरेलू कलह जैसे कई अहम पहलू सामने आए हैं।
हत्या के पीछे पारिवारिक कलह और संपत्ति विवाद
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि, ओम प्रकाश और उनकी पत्नी पल्लवी के बीच संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। बताया जा रहा है कि, ओम प्रकाश ने कुछ प्रॉपर्टी अपने बेटे और रिश्तेदारों के नाम कर दी थी, जिससे पल्लवी नाराज थीं। इसी विवाद ने अंत में हिंसक रूप ले लिया।
खाने के दौरान हुआ झगड़ा
हत्या के दिन पूर्व DGP ओम प्रकाश रात को खाना खा रहे थे। इसी दौरान उनका पत्नी से विवाद हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, पल्लवी ने पहले उनके चेहरे पर मिर्च पाउडर फेंका और जब वे जलन से तड़पते हुए इधर-उधर भाग रहे थे, तब पल्लवी ने उन पर चाकू से ताबड़तोड़ 10-12 वार किए। यह वार उनकी गर्दन, पेट और सीने पर किए गए थे।
बेटे की शिकायत पर हुई गिरफ्तारी
ओम प्रकाश के बेटे कार्तिकेश ने अपनी मां पल्लवी और बहन कृति पर हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। कार्तिकेश के मुताबिक, उनकी मां पिछले एक हफ्ते से उनके पिता को जान से मारने की धमकियां दे रही थीं, जिससे डरकर ओम प्रकाश अपनी बहन के घर चले गए थे। दो दिन पहले कृति उन्हें जबरदस्ती घर वापस ले आई थी।
हत्या से पहले गूगल पर किया सर्च
जांच में यह भी सामने आया है कि, पल्लवी ने हत्या से पहले गूगल पर ‘गले की नस काटने से मौत होती है क्या’ जैसे कई खतरनाक सवाल सर्च किए थे। इससे यह संकेत मिला है कि हत्या पूरी तरह से प्लान की गई थी।
हत्या के बाद किया मैसेज- राक्षस को खत्म कर दिया
हत्या के बाद पल्लवी ने एक IPS अधिकारी की पत्नी को मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था- “एक राक्षस को खत्म कर दिया।” इसके बाद उन्होंने वीडियो कॉल पर यह भी कबूल किया कि उन्होंने अपने पति की हत्या कर दी है। इस सूचना के बाद पुलिस को जानकारी दी गई।
मानसिक बीमारी की आशंका
बेटे कार्तिकेश का दावा है कि, उनकी मां पिछले 12 साल से सिजोफ्रेनिया (एक मानसिक बीमारी) से पीड़ित हैं और उनका नियमित इलाज चल रहा था। इस मानसिक स्थिति ने भी उनकी सोच और व्यवहार को प्रभावित किया हो सकता है।
बेंगलुरु में हुआ अंतिम संस्कार
हत्या के बाद ओम प्रकाश का पोस्टमार्टम कराया गया और फिर पूरे राजकीय सम्मान के साथ बेंगलुरु में उनका अंतिम संस्कार किया गया। बेटे कार्तिकेश ने उन्हें मुखाग्नि दी और कहा कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है।
CCB को सौंपी गई जांच
यह मामला अब बेंगलुरु की सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) को सौंप दिया गया है, जो हत्या में शामिल मानसिक स्थिति, पारिवारिक विवाद, और सह-आरोपी बेटी की भूमिका जैसे तमाम पहलुओं की जांच कर रही है।
1981 बैच के आईपीएस थे ओम प्रकाश
ओम प्रकाश 1981 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी थे और मूलतः बिहार के रहने वाले थे। उन्होंने अपना करियर हरपनहल्ली (तत्कालीन बेल्लारी जिला) में एडिशनल एसपी के रूप में शुरू किया था। वे CID, लोकायुक्त, फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज जैसे विभागों में DIG रह चुके थे। वर्ष 2015 में वे कर्नाटक राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) बने और 2017 में सेवा से रिटायर हुए।
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