
भोपाल। देश के दिल मध्यप्रदेश से निकली एक ऐसी पहल, जिसने आस्था, संस्कृति और राजनीति तीनों को एकसाथ सुर्खियों में ला दिया है। बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अपने गृह ग्राम गढ़ा को देश का पहला हिंदू गांव बनाने की घोषणा की है। इस ऐलान के बाद जहां गांव में निर्माण कार्य जोरों पर है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस के पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने बिना नाम लिए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जिससे साफ है कि अब यह मुद्दा सिर्फ धर्म का नहीं, सियासत का भी बन चुका है।
हिंदू गांव बनने जताई आपत्ति
दरअसल, जीतू पटवारी ने X पर एक वीडियो शेयर किया। जिसमें उन्होंने बिना धीरेंद्र शास्त्री का नाम लिए हिंदू गांव बनने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि एक गांव इसलिए होना चाहिए क्योंकि वोट बांटने हैं। वोटों का ध्रुवीकरण करना है। मैं हिन्दू हूं और गर्व से कहता हूं कि हिन्दू हूं। लेकिन, मेरे राम ने मुझे सिखाया है कि सबसे पहले गरीब पर ध्यान दो। इंसानियत पर ध्यान दो। हिन्दू, मुस्लिम सिख, ईसाई आपस में हैं भाई-भाई। ये नारा भी तो संविधान ने दिया। देश की संस्कृति और परंपरा ने सिखाया कि जो हमारे दूसरे धर्म के लोग हैं, उनका सम्मान करो।
हिंदू गांव श्रीराम के आदर्शों के विपरीत
जीतू पटवारी ने X पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि वोटों के ध्रुवीकरण के लिए हिंदू गांव बसाने के प्रयास भगवान श्रीराम के आदर्शों के विपरीत हैं. क्योंकि, प्रभु श्रीराम और सनातन परंपराओं में प्राणियों में सद्भावना का संदेश दिया है. विचारों के चंद ठेकेदार तब क्यों विरोध दर्ज नहीं करवाते, जब नफरत फैलाई जाती है! जैन संतों से मारपीट और जैन समाज को अपमानित किया जाता है?
बीजेपी नें किया पलटवार
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के बयान ने जहां नई बहस को जन्म दिया है, जब पीपुल्स अपडेट की बात बीजेपी प्रवक्ता अजय सिंह यादव से हुई तो उन्होनें जीतू पटवारी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को सनातन विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि चाहे भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हो, चाहे कुंभ का आयोजन हो, चाहे राम सेतु का निर्माण हो, सभी का कुंग्रेस पार्टी विरोध करती है और ये जो आयोजन है, ये सरकार का आयोजन नहीं है। ये पुरी तरह से धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी का व्यक्तिगत कार्यक्रम हैं जो वो व्यक्तिगत तौर पर कर रहे हैं। अब इसमें सरकार का कोई लिना देना नहीं है। सनातन धर्म के धर्मगुरू है, तो सनातन धर्म के लिए काम करेंगे लेकिन कांग्रेस पार्टी जो इमामू से फत्वे जारी करवाती थी तुष्टी करण की राजनिती करती थी उन्हें केवल और केवल सनातन धर्म से आपत्ति है, अन्यथा कांग्रेस पार्टी को और कोई आपत्ति नहीं हैं।
कांग्रेस का बीजेपी से सवाल
जहां एक ओर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के इस फैसले को समर्थक सांस्कृतिक दिशा में बड़ा कदम मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे संविधान और भारतीय परंपरा के खिलाफ बता रहा है। जब पीपुल्स अपडेट की बात कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट से हुई तो उन्होनें इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम का देश है, जहां धर्मनिरपेक्षता संविधान की आत्मा है। अगर आज हिंदू गांव बसाने की बात स्वीकार की जा रही है, तो कल कोई इस्लामिक या सिख ग्राम बसाने की मांग करेगा। क्या उसे भी मान्यता मिलेगी? उन्होंने बीजेपी से सीधा सवाल किया और कहा कि बीजेपी को ये स्पष्ट करना चाहिए की वो नफरत की इस खेती को समर्थन क्यों कर रही है।