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रतलाम : लोकायुक्त ने सरपंच को रिश्वत लेते पकड़ा, पीएम आवास की दूसरी किस्त के लिए मांगे थे 20 हजार रुपए

रतलाम। प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों से रिश्वत मांगने का एक और मामला उजागर हुआ है। उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने गुरुवार दोपहर रतलाम जनपद की ग्राम पंचायत इटावाखुर्द के सरपंच घनश्याम कुमावत को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। सरपंच पर आरोप है कि उन्होंने आवास की दूसरी किस्त खातों में डलवाने के एवज में यह रिश्वत मांगी थी।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, ग्राम बिंजाखेड़ी निवासी विनोद डाबी ने 15 अप्रैल को लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा से शिकायत की थी कि उसकी मां सुगनबाई के नाम से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ है। योजना की दूसरी किस्त जारी करवाने के लिए सरपंच घनश्याम कुमावत ने 20 हजार रुपए की मांग की थी। शिकायत पर जांच के बाद लोकायुक्त ने कार्रवाई की योजना बनाई।

सरपंच को रिश्वत लेते दबोचा

उज्जैन लोकायुक्त की योजना के तहत गुरुवार को विनोद डाबी ने सरपंच को उनके घर जाकर 20 हजार रुपए सौंपे और जैसे ही लेनदेन हुआ। पहले से मौके पर मौजूद लोकायुक्त टीम ने सरपंच को रंगेहाथ पकड़ लिया। रिश्वत की राशि सरपंच की पैंट की जेब से बरामद हुई।

टीम ने आरोपी सरपंच को रतलाम के सर्किट हाउस लाकर कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है। लोकायुक्त टीम में डीएसपी दिनेश पटेल, टीआई हीना डावर, कॉन्स्टेबल इसरार, हेड कांस्टेबल हितेश ललावत, अनिल अटोलिया, श्याम शर्मा और नेहा मिश्रा शामिल रहे।

सरपंच ने बताया पुराना लेन-देन

उधर, सरपंच घनश्याम कुमावत ने रिश्वत के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता से उनका पुराना लेन-देन का विवाद चल रहा है। उन्होंने दावा किया कि शिकायतकर्ता के पिता ने उनसे 20 हजार रुपए लिए थे, जो लौटाए नहीं गए। इसी को लेकर कहासुनी हुई थी। सरपंच का कहना है कि उन्होंने कोई रिश्वत नहीं मांगी।

हालांकि, शिकायतकर्ता विनोद डाबी का कहना है कि पहले सरपंच ने 30 हजार की मांग की थी, लेकिन सौदा 20 हजार में तय हुआ, जिसके बाद उन्होंने लोकायुक्त में शिकायत की।

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