
इंदौर। मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक दिव्यांग युवक ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की। घटना जनसुनवाई के दौरान कलेक्टोरेट की पहली मंजिल पर हुई। मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों और मीडियाकर्मियों की सतर्कता से समय रहते युवक को बचा लिया गया।
इंजीनियर से रुपए न मिलने पर था परेशान
पीड़ित युवक की पहचान मोहम्मद समीर पिता अब्दुल रहमान के रूप में हुई है। उसने बताया कि वह खजराना क्षेत्र का निवासी है और उसे एक इंजीनियर जावेद हुसैन से 9 लाख रुपए लेने हैं, जो उसने मकान निर्माण के लिए दिए थे। युवक का आरोप है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद उसे कोई समाधान नहीं मिला, जिससे परेशान होकर उसने आत्मदाह जैसा कदम उठाने का प्रयास किया।
दो साल से परेशान, कोई सुनवाई नहीं हुई
मोहम्मद समीर ने बताया, मैं दो साल से खजराना थाने से लेकर एसपी ऑफिस तक चक्कर काट रहा हूं। आज भी जनसुनवाई में आवेदन लेकर आया था, ऊपर रसीद कटवाई, लेकिन फिर भी मेरी सुनवाई नहीं हुई। बहुत परेशान होकर मैं यह कदम उठाने को मजबूर हुआ।
समीर अपने साथ पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस लेकर पहुंचा था। जैसे ही उसने खुद पर पेट्रोल डाला, वहां मौजूद लोगों ने उसे रोक लिया। उसके बाद अधिकारियों ने उसे अलग कमरे में ले जाकर उसकी बात सुनी और मामले की गंभीरता को समझते हुए समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
अफरा-तफरी के बीच मामला शांत
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और युवक की शिकायत को तत्काल अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अधिकारियों ने कहा कि युवक की शिकायत पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
घटना के चलते कलेक्टर कार्यालय में कुछ देर के लिए तनाव का माहौल बन गया था, लेकिन प्रशासन की तत्परता से स्थिति को नियंत्रण में ले लिया गया। जनसुनवाई के दौरान आत्मदाह जैसी घटना प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़े करती है।