
जयपुर। राजस्थान की राजनीति में हलचल मच गई है। देश के सबसे बड़े चिटफंड घोटाले PACL मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने मंगलवार सुबह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के 19 ठिकानों पर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि, यह कार्रवाई PACL में हुए 49,100 करोड़ रुपए के निवेश घोटाले से जुड़ी है, जिसमें प्रताप सिंह और उनके परिवार पर घोटाले से लाभ लेने के आरोप हैं।
प्रताप सिंह खाचरियावास ने क्या कहा
ईडी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा- “जो बीजेपी के खिलाफ बोलता है, उसके घर ईडी भेज देते हैं। मैं डरने वालों में से नहीं हूं। मेरा नाम प्रताप सिंह खाचरियावास है, मुझे इलाज करना आता है।”
उन्होंने इस छापेमारी को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया और कहा कि बीजेपी सरकार राहुल गांधी और कांग्रेस को दबाने की कोशिश कर रही है।
PACL घोटाला क्या है?
PACL यानी पीयरलेस एग्रीकल्चरल एंड रियल एस्टेट लिमिटेड ने रियल एस्टेट में निवेश का झांसा देकर देशभर के करोड़ों लोगों से पैसा इकट्ठा किया।
- देशभर से 5.85 करोड़ निवेशक
- कुल निवेश राशि: 49,100 करोड़ रुपए
- राजस्थान में 28 लाख लोगों से 2,850 करोड़ रुपए का निवेश
2014 में सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने PACL की स्कीम्स को अवैध घोषित कर दिया और कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
सुप्रीम कोर्ट का दखल और संपत्तियों की नीलामी
2016 में सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई, जिसे PACL की संपत्तियां बेचकर निवेशकों को पैसे लौटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
- PACL की अनुमानित संपत्ति: 1.86 लाख करोड़ रुपए
- SEBI के मुताबिक निवेश की तुलना में चार गुना संपत्ति
ईडी ने कहां-कहां की छापमार कार्रवाई
ईडी ने राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़ सहित करीब 20 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। प्रताप सिंह के जयपुर स्थित आवास और परिवार से जुड़े ठिकानों पर रेड सुबह 5 बजे कार्रवाई शुरू हुई। PACL में हुए निवेश से जोड़कर प्रताप सिंह पर 30 करोड़ की भागीदारी का शक है।
सीबीआई और ईडी की अब तक की जांच
- PACL पर 2011 में जयपुर में पहली FIR
- 2014 में CBI ने केस दर्ज किया
- 2025 में ईडी ने CBI से केस टेकओवर किया
- अब तक एक दर्जन से अधिक गिरफ्तारियां
- दर्जनों राज्यों में केस: बिहार, पंजाब, यूपी, असम, कर्नाटक आदि