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सुरक्षा बलों की कार्रवाई : मणिपुर में फिर हथियारों का जखीरा बरामद, प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन का सदस्य गिरफ्तार

इंफाल। जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में एक बार फिर बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। पुलिस ने गुरुवार को बताया कि काकचिंग और इंफाल पश्चिम जिलों में की गई कार्रवाई में भारी मात्रा में हथियार जब्त किए गए हैं। साथ ही, प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीडब्ल्यूजी) के एक सदस्य को भी गिरफ्तार किया गया है।

काकचिंग जिले के पहाड़ी क्षेत्र में छिपाया था जखीरा

काकचिंग जिले के तोकपाचिंग मोइरंगखोम हिल रेंज से पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। यहां से बरामद हथियारों में दो एसएमजी कार्बाइन (बिना मैगजीन), मैगजीन के साथ एक .303 राइफल, एक सिंगल बैरल बंदूक, दो डबल बैरल बंदूकें, एक स्नाइपर राइफल, एक 9 एमएम पिस्तौल (मैगजीन सहित), तीन मोर्टार शेल, दो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी), दो हैंड ग्रेनेड और बड़ी संख्या में गोला-बारूद व डेटोनेटर शामिल हैं।

स्कूल के सामने मिला युद्ध सामग्री से भरा भंडारगृह

पुलिस ने बताया कि इंफाल पूर्वी जिले के यारलपत इलाके में एक स्कूल के सामने से भी हथियारों का भंडार बरामद हुआ। पुलिस को यहां से एक .303 राइफल, 16 राउंड कारतूस, दो 40 एमएम लेथोड बंदूकें, एक छोटी कार्बाइन और उसकी हस्तनिर्मित मैगजीन, एक 9 एमएम पिस्तौल, सात डेटोनेटर, दो हैंड ग्रेनेड और अन्य विस्फोटक सामग्री मिली। बरामद हथियारों को कानूनी प्रक्रिया के तहत पोरोंपट थाने को सौंप दिया गया है।

उग्रवादी गिरफ्तार, अधिकारियों से वसूली का था आरोप

पुलिस ने इंफाल पश्चिम जिले के लामसांग बाजार से 45 वर्षीय एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया है। आरोपी प्रतिबंधित संगठन पीडब्ल्यूजी से जुड़ा है और उस पर इंफाल व आसपास के क्षेत्रों में सरकारी अधिकारियों से जबरन वसूली करने का आरोप है। उसे बुधवार को गिरफ्तार किया गया।

हथियारों की बरामदगी जारी, चिंताजनक हालात

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पहले लोगों से लूटे गए और अवैध हथियारों को स्वेच्छा से जमा कराने की अपील की थी और इसके लिए 6 मार्च तक की मोहलत दी गई थी। अब इस अवधि को खत्म हुए एक महीना से ज्यादा हो चुका है, इसके बावजूद लगातार हथियारों की बरामदगी हो रही है, जो राज्य में जारी अस्थिरता और हथियारों की बढ़ती समस्या को दर्शाता है।

मणिपुर में जारी जातीय तनाव

मई 2023 से मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले कुकी-जो जनजातियों के बीच जातीय हिंसा ने गंभीर रूप ले लिया है। अब तक इस हिंसा में 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने 13 फरवरी 2024 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। इसके साथ ही राज्य विधानसभा, जिसका कार्यकाल 2027 तक था, जिसे निलंबित कर दी गई है।

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