
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को वोटिंग प्रक्रिया में बदलाव करने का आदेश जारी किया। इसके बाद अब अमेरिका में वोटिंग के लिए नागरिकों को नागरिकता का प्रमाण देना जरूरी होगा। ट्रंप ने इसे चुनावी धोखाधड़ी रोकने की दिशा में बड़ा कदम बताया है। हालांकि, कई अमेरिकी राज्यों ने इस आदेश को अदालत में चुनौती देने की तैयारी कर रही है।
वोटिंग से जुड़े ट्रंप के नए नियम
- नागरिकता का प्रमाण जरूरी: अब वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या अन्य सरकारी दस्तावेज जरूरी होंगे।
- राज्यों को सहयोग करना होगा: वोटर लिस्ट को संघीय सरकार के साथ साझा करने और चुनावी अपराधों की जांच में मदद देने का आग्रह किया गया है।
- मेल-इन बैलट पर सख्ती: चुनाव खत्म होने के बाद मिलने वाले मेल-इन बैलट को अवैध माना जाएगा।
- नियम न मानने पर फंडिंग कटौती: जो राज्य इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनकी संघीय फंडिंग में कटौती की जा सकती है।
भारत का जिक्र कर ट्रंप बोले- अमेरिका पुराने तरीके पर अटका
ट्रंप ने अपने आदेश में भारत और ब्राजील का जिक्र करते हुए कहा कि ‘ये देश वोटर के पहचान को बायोमेट्रिक सिस्टम से जोड़ रहे हैं, जबकि अमेरिका अब भी पुरानी प्रक्रिया पर निर्भर है। इसके साथ ट्रम्प ने इस आदेश पर साइन करते हुए कहा- ‘हम चुनावी धोखाधड़ी को खत्म करने जा रहे हैं।’
अमेरिका में वोटिंग के लिए राज्यों में अलग-अलग नियम
अमेरिका में हर राज्य के वोटिंग नियम अलग-अलग हैं। टेक्सास, जॉर्जिया और इंडियाना जैसे राज्यों में वोटिंग के लिए ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट जैसी फोटो आईडी जरूरी होती है। वहीं, कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क और इलिनॉय में सिर्फ नाम, पता या बिजली बिल जैसे दस्तावेज दिखाकर वोट डाला जा सकता है। इसके अलावा मिशिगन जैसे राज्यों में वोट डालने के दौरान फोटो आईडी मांगी जाती है। अगर किसी के पास यह नहीं है तो वह एक हलफनामा साइन कर वोट कर सकता है।
चुनावी चंदे पर भी सख्ती
इस नए आदेश के तहत विदेशी नागरिकों के अमेरिकी चुनावों में चंदा देने पर रोक लगा दी गई है। हाल के वर्षों में स्विस अरबपति हैंसयोर्ग वीस जैसे विदेशी नागरिकों द्वारा चुनावी चंदे को लेकर विवाद हुए थे। ट्रंप प्रशासन ने इसे रोकने के लिए यह कदम उठाया है।
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