
भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का का ऐलान इसी हफ्ते होने की उम्मीद है। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि जीआई समिट के बाद भी ही नाम घोषित होगा। इस पद को कौन संभालेगा, इसको लेकर रायशुमारी के लिए लिस्ट भी दिल्ली हाईकमान के पास पहुंच गई है। हाल ही में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी एमपी के दौरे पर आए थे, जिसके बाद ये माना जा रहा है कि जल्द ही बीजेपी को अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जायेगा।
हालांकि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का फार्मूला क्या होगा ये देखने वाली बात होगी, क्योंकि अभी वैसे ही शांतिकाल चल रहा है ऐसे में पार्टी नया फार्मूला भी अपना सकती है। लेकिन ये भी देखना होगा कि पार्टी जिसे भी अपना चेहरा बनायेगी वो कितना दमदार होगा।
जानें बीजेपी में चुनाव की प्रकिया
बीजेपी को कैडरबेस पार्टी कहा जाता है और यहां चुनाव भी अनुशासन के दायरे में प्रक्रिया के साथ किए जाते हैं। बीजेपी में चुनाव की प्रक्रिया भी चरणबद्ध तरीके से होती है। पहले जिला अध्यक्षों का चुनाव होता है, जो कि हो चुका है और सभी जिलों को नये जिला अध्यक्ष मिल गये हैं।
अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रकिया होनी है। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रदेश परिषद के सदस्य चुने जाते है, इनमें 16 विधायकों के साथ 4 सासंद शामिल होते हैं। ये चयन इस तरह से होता है कि हर विधानसभा से एक प्रतिनिधित्व हो सके। इसके बाद दो विधानसभा के हिसाब से क्लस्टर बनाया जाता है। साथ ही इसमें सारे जिलाध्यक्षों को भी शामिल किया जाता है। इन सभी सदस्यों के जरिए जिला अध्यक्ष का निवार्चन किया जाता है।
संगठन पर्व के साथ ही होगी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा
बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केशवानी का कहना है कि अभी संगठन पर्व चल रहा है और ऐसे में संगठन पर्व के चलते पहले मंडल अध्यक्ष की घोषणा हुई, फिर जिलाअध्यक्षों की घोषणा हुई। उनका कहना है कि ये हमारी सतत प्रक्रिया है जो इसी तरह से जारी रहेगी। वर्तमान में बी डी शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ता काम कर रहे हैं।
विडियों देखे – https://x.com/PeoplesUpdate/status/1889262101589537263
पुराना फार्मूला अपनाया तो फिर मिलेगा सवर्ण चेहरा
22 साल से पार्टी का जो फार्मूला चला आ रहा है, उसमें मुख्यमंत्री पिछडे वर्ग से रहा है और संगठन की कमान सवर्ण वर्ग को ही सौंपी गई है। 2003 में जब पार्टी सत्ता में आई, तो उस समय बीजेपी संगठन की कमान स्वर्गीय कैलाश जोशी के हाथों में थी। उनके बाद ये जिम्मेदारी दो बार नरेन्द्र सिंह तोमर, 2 बार नंदकुमार सिंह चौहान, एक बार प्रभात झा और अभी वर्तमान में बी डी शर्मा के हाथों में है। ये सभी सवर्ण वर्ग से आते है।
आदिवासी चेहरे पर भी फोकस
इस समय पार्टी का फोकस आदिवासी वोट बैंक पर भी है, ऐसे में आदिवासी वर्ग को साधने के लिए प्रदेश की कमान आदिवासी वर्ग के किसी नेता को देने की चर्चा भी जोरों पर है। ऐसें में आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते को के अलावा सुमेर सिंह सोलंकी का नाम भी जोर शोर से चर्चा में है।
एमपी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है ये नेता
बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल नेताओं पर नजर डालें तो इस दौड़ में पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल और पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया का नाम चल रहा है। वहीं, आदिवासी नेताओं में फग्गन सिंह कुलस्ते और सुमेर सिंह सोलंकी शामिल है। महिला कोटे की अगर बात करे तो अर्चना चिटनीस और कविता पाटीदार का भी नाम है।