ताजा खबरराष्ट्रीयव्यापार जगत

अडानी पर रिपोर्ट पेश करने वाली Hindenburg Research का शटर डाउन, फाउंडर बोले- मिशन पूरा हुआ, अब कंपनी क्लोज

बिजनेस डेस्क। अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च अब बंद हो रही है। इसके फाउंडर नाथन एंडरसन ने इस फैसले की जानकारी बुधवार (15 जनवरी) रात दी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय बहुत सोच-समझ कर लिया गया है। हालांकि, इसके पीछे कोई खास कारण नहीं बताया। हिंडनबर्ग रिसर्च की शुरुआत 2017 में हुई थी और इसने 2023 में अडानी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट जारी की थी। जिसके बाद अडानी के शेयरों में भारी गिरावट आई थी।

नाथन एंडरसन ने अपनी भावुक पोस्ट में कहा कि, उन्होंने यह निर्णय परिवार, दोस्तों और टीम से बातचीत के बाद लिया। उन्होंने कहा कि, हाल ही में जिन पोंजी मामलों को हमने पूरा किया है और नियामकों के साथ साझा कर रहे हैं, वह दिन आज ही है।

नाथन ने अपने पोस्ट में क्या लिखा

मैं यह सब खुशी से लिख रहा हूं, क्योंकि इसे बनाना मेरे जीवन का सपना रहा है। शुरुआत में मुझे नहीं पता था कि क्या कोई संतोषजनक रास्ता मिलेगा, क्योंकि यह कोई आसान काम नहीं था। जब मैंने इसे शुरू किया तो मुझे डाउट था कि क्या मैं इसके लिए सक्षम हूं। क्योंकि मेरे पास पारंपरिक अनुभव नहीं था और मैं इस काम की ओर खिंचा चला गया।

अब इसे बंद करने का कारण कुछ खास नहीं है – न कोई बड़ा खतरा है, न कोई स्वास्थ्य समस्या और न ही कोई व्यक्तिगत परेशानी। एक बार किसी ने मुझसे कहा था कि एक सफल करियर एक समय बाद स्वार्थी बन जाता है। पहले मुझे लगा था कि मुझे खुद को कुछ साबित करना है, लेकिन अब मुझे खुद के साथ शांति मिल गई है, शायद यह पहली बार है।

अब मैं अपने परिवार के साथ समय बिताने, अपने शौक पूरे करने और यात्रा करने के लिए उत्साहित हूं। मैंने उनके लिए पैसा कमाया है और अब मैं उसे इंडेक्स फंड्स और कम तनाव वाली चीजों में निवेश करने की योजना बना रहा हूं। इस समय मेरा ध्यान इस बात पर है कि मेरी टीम के सभी सदस्य उस मुकाम पर पहुंचे, जहां वे आगे बढ़ना चाहते हैं।

देखें पूरा पोस्ट…

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से कंपनियों को भारी नुकसान

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्टों ने भारत के अडानी ग्रुप और इकान इंटरप्राइजेज जैसी कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाया था। अगस्त 2024 में, हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट में यह दावा किया था कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडानी ग्रुप से जुड़ी एक ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है।

क्या करती थी हिंडनबर्ग कंपनी

नाथन एंडरसन ने 2017 में हिंडनबर्ग की शुरुआत की थी, जो एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म है। शॉर्ट सेलिंग के जरिए यह कंपनी अरबों रुपए की कमाई करती है, जो एक ट्रेडिंग रणनीति है। इसमें कोई व्यक्ति किसी खास कीमत पर स्टॉक खरीदता है और फिर जब उसकी कीमत बढ़ जाती है, तो उसे बेचकर मुनाफा कमाता है। साथ ही, ब्रोकर्स से शेयर उधार लेकर भी दूसरे निवेश किए जाते हैं।

हिंडनबर्ग शॉर्ट सेलिंग के अलावा, फॉरेंसिक फाइनेंस रिसर्च, वित्तीय अनियमितताओं, क्रेडिट, और इक्विटी का विश्लेषण भी करती थी। यह कंपनी अनैतिक व्यापारिक तरीकों, गुप्त वित्तीय लेन-देन और समस्याओं की जांच करती थी। हिंडनबर्ग उन कंपनियों में हो रही गड़बड़ियों का पता लगाकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करती और उसे पब्लिश करती थी। इसमें अकाउंटिंग की गलतियां, मैनेजमेंट की खामियां और अनडिस्क्लोज्ड ट्रांजैक्शंस पर ध्यान दिया जाता था। कंपनी यह भी जांचती थी कि क्या स्टॉक मार्केट में कोई गलत तरीके से पैसा तो नहीं कमाया जा रहा।

3 मई 1937 को अमेरिका में हिंडनबर्ग एयर स्पेसशिप हादसे का शिकार हो गया था।

हादसे पर रखा था कंपनी का नाम

6 मई 1937 को ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर में हिंडनबर्ग नाम का एक जर्मन एयरशिप उड़ान भरते समय हवा में ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 35 लोग मारे गए थे। जांच में पता चला कि हाइड्रोजन गुब्बारों में आग लगने के कारण यह हादसा हुआ। इससे पहले भी हाइड्रोजन गुब्बारों में आग लगने से हादसे हो चुके थे। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि, कंपनी ने नियमों का पालन नहीं किया और क्षमता से ज्यादा लोग विमान में बिठा दिए थे।

नाथन एंडरसन का मानना था कि, स्पेसशिप कंपनी को पहले की घटनाओं से सीखना चाहिए था और इस हादसे को रोका जा सकता था। 80 साल पहले हुई यह घटना नाथन एंडरसन पर गहरा असर डाल गई थी और इसी वजह से उन्होंने 2017 में अपनी कंपनी का नाम ‘हिंडनबर्ग’ रखा। उनका मकसद था कि शेयर मार्केट में हो रही गड़बड़ियों को पहचानकर उसे रोका जाए, ताकि किसी बड़े नुकसान या क्रैश से बचा जा सके।

ये भी पढ़ें- अमेरिका में धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोपों के बाद गौतम अडानी के नेटवर्थ में भारी गिरावट, हिंडनबर्ग के बाद शेयरों को सबसे बड़ा नुकसान

संबंधित खबरें...

Back to top button