
इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि मिली है। फिफ्थ नेशनल वाटर अवॉर्ड में इंदौर ने वेस्टर्न जोन में बेस्ट डिस्ट्रिक्ट कैटेगरी में प्रथम स्थान हासिल किया है। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर को 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2023 का पुरस्कार वितरण समारोह में सम्मानित किया। यह पुरस्कार जिला कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा और जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन ने दिल्ली पहुंचकर ग्रहण किया।
इंदौर को पहले भी मिल चुका सम्मान
इंदौर को इससे पहले भी जल संरक्षण के क्षेत्र में पुरस्कार मिल चुके हैं। 2018 और 2022 में इंदौर ने पश्चिम जोन में प्रथम स्थान का खिताब जीता था। वहीं 2023 में बेस्ट नगरीय निकाय श्रेणी में दूसरे स्थान पर रहा।
जल-संरक्षण में कई उपलब्धियां हासिल की
इंदौर जिले को जल-संचयन और जल-संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पश्चिम क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ जिले का राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इंदौर जिले में जल-संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गई हैं। जिले में अजनार, बालम, चोरल, कराम, मोरल और पातालपानी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में विभिन्न कार्य किए गए हैं, जिनमें 366 पौध-रोपण कार्य, 216 जल-संचयन कार्य, 60 रिचार्ज संरचनाएं, 90 वाटरशेड उपचार कार्य और 814 जल और मिट्टी संरक्षण कार्य शामिल हैं।
इसके अलावा बालम नदी के जलग्रह-क्षेत्र में 5 अमृत सरोवर, 4 फार्म पॉन्ड, 5 चेक डैम और 30 गेबियन जाल संरचनाएं बनाई गई हैं। जल-संचयन के प्रयासों के अंतर्गत नाला ट्रेंचिंग (गहरीकरण) के लगभग 420 कार्य किए गए हैं, जिससे जल स्तर में वृद्धि हुई है। पुष्कर धरोहर समृद्धि अभियान के तहत 462 पुरानी संरचनाएं जैसे- तालाब, चेक डैम और स्टॉप डैम का जीर्णोद्धार किया गया है, जिससे जल-भंडारण क्षमता में 16 लाख घन मीटर की वृद्धि हुई है और 1500 हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हुई है। जिले में वृहद स्तर पर जल-संचयन संरचनाएं भी निर्मित की गयी हैं, जिसमे 420 फार्म पॉन्ड, 180 पेरकोलेशन टैंक, 100 निस्तारी टैंक और 190 चेक डैम शामिल हैं।
38 विजेताओं को किया पुरस्कृत
5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ जिला, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ स्कूल या कॉलेज, सर्वश्रेष्ठ उद्योग, सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ, सर्वश्रेष्ठ संस्थान और सर्वश्रेष्ठ नागरिक समाज सहित 9 श्रेणियों में संयुक्त विजेताओं सहित 38 विजेताओं को पुरस्कृत किया गया है।
आगामी उपलब्धियों के लिए तैयारियां शुरू
चौथी बार वाटर अवॉर्ड जीतने के साथ ही इंदौर ने अपनी आगामी उपलब्धियों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिला पंचायत के सीईओ सिद्धार्थ जैन के अनुसार, अब जिले की सभी नदियों, तालाबों और कुओं की जीआईएस मैपिंग की जाएगी। इस प्रक्रिया से जलाशयों की सतत निगरानी और जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। शहरी क्षेत्र में भूजल पुनर्भरण की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में शहरी क्षेत्र में एक लाख घरों में जल पुनर्भरण इकाइयां स्थापित की गई हैं। अगले एक वर्ष में यह संख्या दो से तीन लाख घरों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके अलावा, जिले में हरित क्षेत्र को बढ़ाने की योजनाएं भी बनाई गई हैं। कान्ह और सरस्वती नदियों के कैचमेंट एरिया को विस्तारित करने के साथ-साथ इन नदियों के पानी को नए तालाबों में संग्रहित करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है।