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ग्वालियर और मालवा क्षेत्र में खाद के लिए सुबह चार बजे से लग रहीं कतारें

राहत ये भी...भीड़ को कम करने खरीदी केन्द्रों पर अतिरिक्त काउंटर खोलने के निर्देश

भोपाल। प्रदेश में रबी फसल की बोवनी शुरू हो चुकी है। इसी के चलते डीएपी खाद की डिमांड जोरों पर है। मालवा और ग्वालियर में डीएपी की भारी किल्लत है। किसान जितनी मात्रा में डीएपी की डिमांड करते हैं, उतनी मात्रा में उन्हें खाद नहीं मिलती है। इस सीजन में करीब 42 लाख मीट्रिक टन खाद की जरूरत होती है। इसमें यूरिया के बाद दूसरे नम्बर पर डीएपी की मांग होती है। किसानों को खाद की सप्लाई समितियों और निजी दुकानों के जरिए की जाती है। 5 अक्टूबर तक 1 मीट्रिक टन डीएपी की सप्लाई हुई है।

ब्लैक मार्केटिंग की संभावना

डीएपी खाद के एक थैली 1350 की है, जबकि ब्लैक में उसकी 1500 रुपए की बेची जाने की शिकायतें आ रही हैं। किसानों का आरोप है कि समिति में बैठे अधिकारी कर्मचारी भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। मजबूरी है इसलिए महंगे दामों पर खाद खरीदना पड़ रहा है।

डीएपी की ही डिमांड क्यों

डीएपी फसलों की जड़ों का विकास करती है, जैसे आपने कोई फसल बोई है और उसमें यह खाद डाली है तो यह खाद पौधों की जड़ों एवं कोशिकाओं का विभाजन कर देती है। जैसे किसी पौधे की शाखाएं बढ़ रही हैं, तो यह उस पौधे की जड़ों को मजबूती प्रदान करता है। हालांकि इसका विकल्प एनपीके भी हैं पर किसान इसे नहीं लेते हैं।

डीएपी की किल्लत लाइव

मुरैना कृषि उपज मंडी में खाद वितरण केंद्र के बाहर मंगलवार को बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं खाद लेने के लिए जमा हुए। टोकन वितरण शुरू होते ही किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। एसडीएम और तहसीलदार के हस्तक्षेप से पुलिस की निगरानी में टोकन बंटे। यहां अलसुबह रात 4 बजे से मार्कफेड के गोदाम पर कतारें लग रही हैं। सोमवार को गल्ला मंडी गोदाम पर किसानों की भीड़ टोकन लेने के लिए टूट पड़ी थी।

अब विकल्प पर जोर

डीएपी का अंतराष्ट्रीय बाजार मूल्य ज्यादा है। यह खाद विदेशों से आयात की जाती है। इससे ज्यादा किल्लत होती है। इसकी जगह पर किसानों को 12-23-16 खाद और एनपीके की सप्लाई की जा रही है। किसान मजबूरी में इसे खरीद रहे है।

किसान बोले-पिछड़ रही बोवनी

रतलाम के किसान अरुण पंड्या का कहना है कि समिति में डीएपी खाद के लिए कई दिनों से जा रहा हूं। पांच बोरी खाद मांगता हूं तो दो बोरी खाद दी जाती है। इसके चलते आलू सहित अन्य फसलों की बोवनी पिछड़ रही है।

पर्याप्त सप्लाई, डिफाल्टर किसानों को परेशानी

मांग के अनुसार खाद की सप्लाई की जा रही है। सरकार ने एक अलग से खरीदी केन्द्रों पर एक अलग से काउंटर खोलने के लिए कहा है। यह व्यवस्था मंगलवार से प्रारंभ कर दी जाएगी। उन किसानों खाद लेने में थोड़ी सी समस्या आ रही है जो डिफाल्टर हैं। इसके लिए भी खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के लिए किए समितियों और निजी दुकान संचालकों को कहा गया है। -आलोक कुमार सिंह, एमडी, मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित

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