
भोपाल। राजधानी के टीटी नगर स्थित कालीबाड़ी में दुर्गोत्सव के दौरान रविवार को ‘सिंदूर खेला’ की पारंपरिक रस्म का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर बंगाली समाज की महिलाएं एकत्रित होकर मां दुर्गा की विदाई के साथ सिंदूर खेला करती नजर आईं। महिलाओं ने मूर्ति पूजा के बाद खास अंदाज में खप्पर धूप आरती भी की। इस दौरान बंगाल की झलक देखने को मिली।
महिलाओं ने किया नृत्य
कालीबाड़ी में परंपरागत ढंग से सिंदूर दान के साथ माता रानी की विदाई की गई। सुबह 10 बजे से शुरू हुए इस समारोह में सैकड़ों परिवारों ने भाग लिया। महिलाओं ने प्रतिमा पूजा के बाद माता रानी को सिंदूर अर्पित किया और अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लिया। इसके बाद बंगाली समाज की महिलाओं ने पारंपरिक ढाक की धुन पर नृत्य किया। इस दौरान सभी ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाया और गले भी मिली। साथ ही माता रानी को अगले बरस फिर आने का आमंत्रण दिया।

जया बच्चन की बहन हुईं शामिल
कार्यक्रम में बॉलीवुड एक्ट्रेस जया बच्चन की बहन रीता वर्मा भी शामिल हुईं। उन्होंने बताया कि उनकी मां इंदिरा भादुड़ी की तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए वह इस बार कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकीं। वहीं जय बच्चन के बारे में बताया कि वो इस बार नहीं आ सकीं।
क्या है सिंदूर खेला की रस्म ?
बंगाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन से पहले श्रद्धालु सिंदूर खेला की रस्म निभाते हैं। सिंदूर खेला की रस्म के अंतर्गत विवाहित महिलाएं पान के पत्तों के साथ मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित करती हैं और फिर एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सौभाग्यवती होने की प्रार्थना करती हैं।
इस दौरान धुनुची नृत्य का भी आयोजन किया गया, जो मां भवानी की शक्ति को बढ़ाने का प्रतीक है। धुनुची में नारियल और हवन सामग्री (धुनो) रखा जाता है।