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Chandra Grahan 2024 : कब लग रहा चंद्र ग्रहण 17 या 18 सितंबर? जानिए भारत में किस समय और कहां आएगा नजर

धर्म डेस्क। साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण सितंबर महीने में लगने जा रहा है। यह आंशिक ग्रहण होगा। इस चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों के मन में असमंजस भी है। दरअसल, च्रंद ग्रहण 17 सितंबर को है या 18 सितंबर को इसको लेकर लोग संशय है। आइए आपको बताते हैं कि चंद्र ग्रहण आखिर 17 को है या 18 को और यह कहां-कहां दिखाई देगा…

चंद्र ग्रहण सितंबर 2024 तिथि

इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 17 सितंबर को लगेगा। कई जगह 18 सितंबर को दिख सकता है। दरअसल, विदेशी समय अनुसार, यह ग्रहण वहां 17 सितंबर की रात को दिखेगा। हालांकि, भारतीय समय अनुसार, यह 18 सितंबर को सुबह लगेगा।

चंद्र ग्रहण की टाइमिंग

भारत में चंद्र ग्रहण प्रभावी नहीं है, लेकिन आप ऑनलाइन ग्रहण को लाइव देख सकते हैं। भारतीय समयानुसार ग्रहण की शुरुआत 18 सितंबर की सुबह 06.12 मिनट पर होगी। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव सुबह 08.14 मिनट पर दिखाई देगा। ग्रहण का समापन सुबह 10.17 मिनट पर होगा। आंशिक चंद्र ग्रहण की अवधि 4 घंटे 6 मिनट रहेगी।

वहीं, साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को था। वह उपच्छाया ग्रहण था, जिसकी अवधि 4 घंटे 39 मिनट थी।

कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण

जब चंद्र ग्रहण लगना शुरू होगा। भारत में सुबह हो जाएगी, इस कारण ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। यह चंद्र ग्रहण दुनिया भर के 5 महाद्वीपों में दिखाई देगा। जिसमें यूरोप, एशिया के अधिकांश भाग, अफ्रीका, उत्तरी-दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा।

ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। ऐसे में साफ है जब ग्रहण भारत में दिखेगा ही नहीं तो सूतक भी नहीं लगेगा। लोगों को सूतक काल के नियमों का पालन करने की कोई आवश्यकता नहीं है

ऐसे होता है चंद्र ग्रहण..

जब पृथ्वी अपनी धुरी पर परिक्रमा करते हुए चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है तो चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। इससे चंद्रमा पूरी तरह ढक जाता है। चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है, ऐसे में वह पृथ्वी की छाया में ज्यादा देर नहीं रुकता है और कुछ समय के बाद बाहर आ जाता है। जितनी देर तक चंद्रमा, पृथ्वी की छाया में रहता है उस स्थिति को हम चंद्र ग्रहण के नाम से जानते हैं। आपको बता दें कि चंद्र ग्रहण हमेशा ‘पूर्णिमा’ को ही लगता है।

क्या करें और क्या न करें

  • चंद्र ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक काल लगने पर पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान नहीं करना चाहिए।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को अंदर ही रहना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर बंद कर देना चाहिए।
  • ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए ध्यान और मंत्रों का जाप करें।
  • ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना या पीना नहीं चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान मंदिरों के पट को बंद करके रखना चाहिए।

चंद्र ग्रहण तीन तरह के होते हैं

  • पूर्ण चंद्र ग्रहण- पूर्ण चंद्र ग्रहण जैसे की इसके नाम से स्पष्ट होता है कि चंद्रमा का पूरी तरह से ग्रहण। पूर्ण चंद्र ग्रहण की घटना तब होती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में एक सीधी रेखा में आ जाती है। इस वजह से पृथ्वी की परछाई से चंद्रमा पूरी तरह से ढक जाता है। जिसकी वजह से चंद्रमा पूरी तरह से काला हो जाता है। इसी को पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं।
  • आंशिक चंद्र ग्रहण- आंशिक चंद्र ग्रहण की घटना तब होती है जब पृथ्वी की परछाईं चंद्रमा के पूरे भाग को नहीं ढक पाती है। इस दौरान चंद्रमा के हिस्से में अंधेरा जैसा प्रतीत होता है।
  • उपछाया चंद्र ग्रहण- उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा के बाहरी हिस्से में ही पड़ती है। इससे चंद्रमा सिर्फ थोड़ा सा धुंधला सा हो जाता है। इसी को उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं।

(नोट: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम मान्यता और जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं।)

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