भोपाल। दैनिक भास्कर समूह के मालिकों ने हर स्तर पर अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए सरकारी नियम-कायदों के साथ ज्यादती की। वर्ष 2004 में चंदनपुरा में कई एकड़ में जंगल की हरियाली को बर्बाद कर संस्कार वैली स्कूल का निर्माण किया गया था। इसके एवज में शारदा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा समसगढ़ जैन मंदिर के पास खसरा नंबर 312 एवं 313 के तहत जो चार एकड़ जमीन नए जंगल तैयार करने के लिए भोपाल वन मंडल को दी गई, वह विवादित थी। इस जमीन पर वहां के लोगों का कब्जा है। फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट के तहत वन विभाग के अफसरों को उस समय इस जमीन को लेना ही नहीं था, लेकिन भास्कर के मालिकों की धमक इतनी थी कि अधिकारियों ने आपत्ति तक नहीं जताई। नतीजतन अब तक न तो जमीन का सीमांकन हो पाया और न ही उस जमीन पर एक पौधा रोपा जा सका है।
तीन बार में जमीन का डायवर्सन
जानकारी के अनुसार, दैनिक भास्कर के मालिकों के दबाव में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 1980 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए संस्कार वैली स्कूल के लिए छोटे झाड़ के जंगल की भूमि का तीन बार में डायवर्सन किया गया। दरअसल, एफसीए के अंतर्गत छोटे झाड़ के जंगल की भूमि का स्कूल के लिए तभी डायवर्शन किया जा सकता है, जब उसके लिए कोई विकल्प न बचा हो। संस्कार वैली स्कूल का निर्माण वर्ष 2004- 2005 में हुआ था। उस समय शहर के कई इलाके ऐसे थे, जहां पर पर्याप्त भूमि थी, लेकिन ट्रस्ट के ट्रस्टियों की नजर इस छोटे झाड़ के जंगल पर टिकी हुई थी।
क्या कहता है फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट 1980
वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत फॉरेस्ट क्लीयरेंस में जितने पेड़ काटते हैं, उसके एवज में राशि और जमीन देनी पड़ती है। इसी राशि से वन विभाग उस जमीन पर प्लांटेशन कराता है। नियम का पालन नहीं करने पर फर्म के अलावा संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई का प्रावधान भी है।
सीमांकन करा लिया गया है, रिपोर्ट का इंतजार है
समसगढ़ के पास उस जमीन को वन क्षेत्र में तब्दील करने के लिए वर्ष 2016 में नोटिफिकेशन जारी किया गया था। राजस्व विभाग ने इसी साल मई में उस जमीन का सीमांकन कर लिया है। फिलहाल सीमांकन रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। -एचएस मिश्रा, डीएफओ , भोपाल