
अलीराजपुर। ये दिल्ली के बुराड़ी कांड की ही पुनरावृत्ति मानी जा सकती है। सोमवार को अलीराजपुर जिले के वालपुर क्षेत्र में सोमवार सुबह पति-पत्नी और तीन बच्चों द्वारा सामूहिक आत्महत्या का मामला सामने आया है। घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है। मामला गुनेरी पंचायत के राउड़ी गांव का है। सूचना मिलने के बाद एसपी राजेश व्यास मौके पर पहुंच गए हैं। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
मृतकों की हुई पहचान
मृतकों की पहचान राकेश डोडवा (27) पिता जागर सिंह, पत्नी ललिता (25), उनकी बेटी लक्ष्मी (9), बेटा प्रकाश (7) और अक्षय (5) के रूप में हुई है। घटना के बारे में पता तब चला जब राकेश के काका सुबह उनके घर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी। फिलहाल, पुलिस द्वारा परिजनों के बयान लिए जा रहे हैं।
परिवार ने कभी परेशानी का जिक्र नहीं किया – पड़ोसी
घटना के बाद जब पड़ोसी और आसपास के लोगों से पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि परिवार के किसी भी सदस्य ने आज तक किसी भी परेशानी का जिक्र नहीं किया।
हत्या या आत्महत्या!
पुलिस ने पांचों शवों को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह भेज दिया है। अब पुलिस इस पहलू को लेकर जांच कर रही है कि यह हत्या है या फिर आत्महत्या। हालांकि, सही कारणों का पता तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा। इस घटना के बाद से गांव में चारों तरफ सन्नाट पसरा हुआ है। हर व्यक्ति यह जानने के लिए इच्छुक है कि आखिर पूरे परिवार ने एक साथ अपनी जीवन लीला क्यों समाप्त कर ली।
यह है बहुचर्चित बुराड़ी कांड
30 जून 2018 में दिल्ली के बुराड़ी में चुंडावत परिवार के सभी 11 लोगों की आत्महत्या करके देश ही नहीं दुनिया भर के लोगों को दहला कर रख दिया था। बुराड़ी आत्महत्या कांड के नाम से यह केस दुनिया भर में चर्चित हुआ था। पुलिस ने तीन साल की तफ्तीश के बाद केस की फाइल बंद कर दी और आज तक ये रहस्य बना हुआ है कि आखिर इस परिवार के सदस्यों ने अपनी जान क्यों दे दी। यह केस आज तक पहेली है और इस पर पिछले साल अगस्त में OTT पर एक वेब सीरीज भी आई थी।
बुराड़ी कांड से दुर्लभ संयोग
बुराड़ी कांड भी 1 जुलाई 2018 को दुनिया के सामने आया था और अलीराजपुर का ये सामूहिक आत्महत्या कांड भी ठीक 6 साल बाद उसी तारीख 1 जुलाई को ही दुनिया के सामने आया है। पुलिस जांच के मुताबिक बुराड़ी में परिवार के सभी 11 मेंबर एक दिन पहले 30 जून को फांसी पर झूले थे, अलीराजपुर में भी 30 जून की दरम्यानी रात परिवार के सभी सदस्य फांसी पर झूल गए। बुराड़ी कांड में परिवार का एक भी सदस्य जीवित नही बचा था। इस कांड में भी परिवार का एक भी मेंबर नहीं बच पाया। एक संयोग ये भी है कि पुलिस को बुराड़ी कांड में कभी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था, यही कहानी अलीराजपुर में भी दोहराई गई।
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