
bhopal MNराजीव सोनी/भोपाल। छत्तीसगढ़ की सियासत में भाजपाई दिग्गज बृजमोहन अग्रवाल का नाम चार दशक से कद्दावर नेता के बतौर शीर्ष पर है। मुख्यमंत्री के लिए उनका नाम चला लेकिन मंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा। 8 बार के विधायक रहे अग्रवाल को पार्टी ने अब अचानक लोकसभा पहुंचा दिया। अग्रवाल कहते हैं कि मेरा भरोसा परिक्रमा के बजाए पराक्रम की राजनीति में है। पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है…पद-प्रतिष्ठा तो आतीजात् ाी है। संगठन के कार्यक्रम में भोपाल आए अग्रवाल ने ‘पीपुल्स समाचार’ से चर्चा में सवालों के बेबाकी से जवाब दिए।
सांसद के रूप में नई भूमिका को कैसे देखते है?
1.पार्टी का निर्देश सर्वोपरि और जनता का आशीर्वाद है। छग को विकसित राज्य बनाने का सपना साकार करेंगे। 2- चार दशक की सियासी यात्रा में मौजूदा बदलाव पर क्या कहेंगे?
2.आज का समय वोट की राजनीति का है। चुनाव जीतना प्राथमिकता है। कई बार अप्रिय निर्णय भी लेने पड़ते हैं।
3-सूबे की कमान नहीं मिल पाने का कोई मलाल?
अरे नहीं…टिकट पार्टी देती है, जनता जिताती है। पद का निर्णय शीर्ष नेतृत्व करता है। सब कुछ समय, काल और परिस्थिति पर निर्भर है।
4 –सांसद के बतौर अब रायपुर-छग के लिए क्या ड्रीम प्लान है?
शिक्षा, स्वास्थ्य की बेहतरी के साथ रोजगार के मौके बढ़ाने के प्रोजेक्ट पर काम करूंगा। 5-आपने मंत्री पद छोड़ा, केंद्र की टीम में भी जगह नहीं मिली? पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, शीर्ष नेतृत्व सभी की भूमिका तय करता है। 6- आठ बार जिस सीट से विधायक- मंत्री रहे अब उत्तराधिकारी कौन होगा?
इसका फैसला पार्टी नेतृत्व ही करेगा7-अविभाजित मप्र में आप लोगों की चर्चित युवा ब्रिगेड के अब क्या हाल हैं? हम सभी मित्र व्यस्त व मस्त हैं, भूमिकाएं जरूर बदल गई हैं। शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, प्रेम प्रकाश पांडेय हों या फिर अन्य मित्रगण सभी के बीच आत्मीयता यथावत है। निरंतर संवाद-मुलाकात के दौर चलते रहते हैं।
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