
पुष्पेन्द्र सिंह/भोपाल। मप्र विधानसभा का मानसून सत्र एक जुलाई से शुरू हो रहा है। सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस विधायकों ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े सवाल लगाए हैं। इसी क्रम में एक ऐसा सवाल किया गया है जिसको लेकर संबंधित विभाग हैरान और परेशान है, क्योंकि उत्तर तैयार करने में करीब तीन लाख पन्ने लग रहे हैं। विभाग इस प्रयास में है कि सवाल को संशोधित किया जा सके। अगर, जवाब आया तो यह अब तक का सबसे बड़ा उत्तर माना जाएगा। कांग्रेस के एक विधायक ने राजधानी के एक करीबी जिले में संचालित कार्यक्रम को लेकर सवाल किया है। उन्होंने 2020 से अब तक हितकारी योजना में उपलब्ध होने वाली सामग्री पर होने वाले खर्च की जानकारी मांगी है। एक-एक हितग्राही का नाम, पता भी पूछा है।
इसलिए विभाग को आया पसीना:
विधायक ने जिस जिले की जानकारी मांगी है , वहां के अधिकारियों ने आकलन करने पर पाया कि जिले के लाभान्वित एक-एक हितग्राही की जानकारी दी तो करीब तीन लाख पेज उपयोग में आएंगे। विभाग प्रयास में है कि यह प्रश्न संशोधित हो सके। विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवान दास इसरानी कहते हैं कि विधानसभा में अधिकतम दस हजार पन्नों के जवाब आएं हैं। लेकिन, तब हमने व्यवस्था की थी कि बड़े उत्तरों को पेन ड्राइव या सीडी में दिया जाए।