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इंदौर के 101 अमृत सरोवर जमीन पर तो उतरे, पर फाइलों से गायब

कलेक्टर ने अधिकारियों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने के दिए निर्देश

शैलेन्द्र वर्मा-इंदौर। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की कमी को दूर करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अमृत सरोवर योजना 2.0 को दो साल से अधिक समय हो गया है। इन दो सालों में इंदौर सबसे अधिक 101 अमृत सरोवर तालाब बनाने में सफल रहने के साथ ही अन्य जिलों से आगे भी रहा है, लेकिन बदकिस्मती ये है कि इंदौर ने भले ही 101 तालाब जमीन पर बना दिए हों, लेकिन कागजों में इनकी कोई जानकारी नहीं लिखी गई है। पिछले दो सालों में किसी भी तालाब को राजस्व में रिकॉर्ड ही नहीं किया गया।

इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब कलेक्टर आशीष सिंह तालाबों की सफाई, अतिक्रमण हटाने की समीक्षा कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने योजना के रिकॉर्ड के संबंध जानकारी मांगी तो पता चला कि तालाब तो बन गए हैं, लेकिन सरकारी दस्तावेज में उनका नामोनिशान नहीं है, जिसका कारण जिला पंचायत और लैंड रिकॉर्ड शाखा के बीच समन्वय की कमी होना है।

मामले में सांवेर एसडीएम गोपालसिंह वर्मा ने बताया कि जिला पंचायत से जानकारी मिलते ही नए तालाबों को राजस्व रिकॉर्ड दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अमृत सरोवर योजना के अनुसार देश के प्रत्येक जिले को 15 अगस्त, 2023 तक 75 अमृत सरोवर बनाने थे। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इंदौर जिले में अमृत सरोवर योजना के तक तहत 101 तालाब बनाए हैं।

तालाब की वर्तमान स्थिति क्या, बतानी होगी

कलेक्टर के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ ने दो साल में बनाए 101 तालाबों की सूची संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को भेज दी है, वहीं कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी नए तालाबों का निरीक्षण किया और वर्तमान में स्थिति क्या है… उसका उल्लेख राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने निर्देश दिए हैं। जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व अधिकारियों को 101 तालाबों की जानकारी शेयर कर दी है।

भूजल में होगी वृद्धि

अमृत सरोवर योजना के तहत बने तालाब राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज होने के बाद उक्त भूमि तालाब और ग्रीन लैंड के रूप में आरक्षित हो जाएगी। इसके बाद यहां किसी प्रकार के निर्माण की योजना नहीं बनाई जा सकेगी, साथ ही तालाबों को संरक्षण जलस्रोत मानकर प्रतिवर्ष किया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को प्रतिवर्ष पानी की किल्लत से बचाया जा सकेगा, साथ ही भूजल स्तर में वृद्धि होगी – आशीष सिंह, कलेक्टर इंदौर

यह इंदौर के लिए उपलब्धि

तालाब की जमीन राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने देपालपुर, इंदौर, महू और सांवेर एसडीएम को उनके क्षेत्र के तालाबों की लोकेशन और जानकारी दी गई है। सभी एसडीएम निरीक्षण करवाकर तालाब की वर्तमान स्थिति दर्ज करेंगे, लेकिन इंदौर के चारों जनपद में लक्ष्य से अधिक तालाब का निर्माण किया है। – सिद्धार्थ जैन, सीईओ जिला पंचायत इंदौर

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