
भोपाल। नौतपा शुरू होने के बाद से ही पूरा प्रदेश भीषण गर्मी की मार झेल रहा है। झुलसा देने वाली तपिश में जहां लोगों का हाल बेहाल है, वहीं पशु-पक्षियों के भी बुरे हाल हैं। आलम ये है कि प्रचंड गर्मी के कारण पेड़ों पर बैठे-बैठे ही पक्षियों की मौत हो रही है। इनमें सबसे बड़ी संख्या चमगादड़ों की हैं, जिनकी मौत के वीडियो प्रदेश में जगह-जगह से वायरल हो रहे हैं।
पन्ना में पेड़ों से गिर रहे चमगादड़
भीषण गर्मी और लू के थपेड़े से पन्ना में तालाब किनारे पेड़ों से अचानक हजारों की संख्या में चमगादड़ मरकर पत्तों की तरह टपक रहे हैं। इसकी जानकारी लगने के बाद नगर पालिका की टीम मौके पर पहुंची और मरे हुए चमगादड़ों को कचरा वाहन में भरकर दूर फेंका गया।
दमोह में भी यही नजारा
जिले के बांदकपुर से ग्राम आनू मार्ग पर रमनाहार के निकट खेत में लगा एक पुराना पीपल चमगादड़ों का बसेरा है। यहां भी अत्यधिक तापमान न सहन कर पाने के कारण चमगादड़ पेडों से नीचे गिर रहे हैं। ये चमगादड़ बेसुध होकर नीचे गिरते हैं और थोड़ी देर में दम तोड़ देते हं। यहां बुधवार को 25 चमगादड़ों की एक साथ हुई मौत के बाद जांच के लिए वन विभाग का अमला भी पहुंचा।
रतलाम में गश खाकर गिरे नीचे…
दो दिन पहले ही रतलाम नगर निगम में एक पेड़ पर बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से चमगादड़ बड़ी संख्या में मर रहे हैं। कुछ गश खाकर पेड़ से नीचे भी गिरे हैं। अभी तक उनकी मौत को लेकर कोई कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। फिलहाल भीषण गर्मी को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। रतलाम से ही चमगादड़ों की मौत के पहला वीडियो सामने आया था।
भोपाल में भी दिया हीट वेव का असर
भोपाल के बड़े तालाब के किनारे मेन रोड पर लगे कुछ पेड़ चममगादड़ों का परंपरागत बसेरा है। यहां दिन के समय पेड़ों पर हजारों की संख्या में चमगादड़ लटके हुए दिखाई देते हैं… अब भीषण गर्मी के चलते यहां भी इन दिनों सैकड़ों की तादाद में चमगादड़ पेड़ों से टपक रहे हैं। शीतलदास की बगिया के पास भी पेड़ों के नीचे बड़ी संख्या में मरे हुए चमगादड़ मिले। हकीकत ये है कि इस बार बीस साल का रिकॉर्ड तोड़ रही गर्मी और हीट वेव का प्रकोप चमगादड़ और पक्षी सह नहीं पा रहे हैं। यही वजह है कि अब वे जमीन पर टपक रहे हैं।
मरे हुए चमगादड़ों को उठाने की लगी होड़
पन्ना में एक आश्चर्यचकित घटना से अब दहलानताल के रहवासी परेशान है। दरअसल, यहां तालाब किनारे पेड़ों से अचानक सैकड़ों की संख्या में चमगादड़ मर रहे हैं। जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी लगी. कई लोग इन मरे हुए चमगादड़ों को बोरी में भरकर अपने घर ले जाने लगे। वजह पूछने पर बताया कि, इनकी हड्डियों से दर्द की दवाई बनाई जाती है। हालांकि, जानकारी लगने के बाद नगर पालिका की टीम मौके पर पहुंची और इन मरे हुए चमगादड़ों को कचरा वाहन में भरकर दूर फेंक दिया गया।
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