
नई दिल्ली। भारतीय इलेक्ट्रिक मार्केट में चाइनीज प्रोडक्ट की भरमार है। इसबीच घटिया सामान की वजह से अक्सर बिजली से जुड़े हादसे होते हैं। इस पर रोक लगाने सरकार ने सख्त नियम बनाया है। अब कोई दुकानदार अगर घटिया सामान बेचता पाया गया, अथवा कोई कंपनी प्रोडक्शन करती है तो उस पर जुर्माने के साथ जेल भेजने की भी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने घटिया वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगाने और इन वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए स्विच-सॉकेट-आउटलेट और केबल ट्रंकिंग जैसे बिजली के सामान के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड जारी किए हैं। इस संबंध में उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने विद्युत सहायक उपकरण (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश 2023 जारी किया है।
बीआईएस का चिह्न जरूरी
उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी ) के अनुसार, वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (इकर) का चिह्न न हो। यह आदेश अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से छह महीने बाद लागू होगा। आदेश में कुछ भी निर्यात करने के लिए घरेलू स्तर पर बने प्रोडक्ट पर इस कानून को लागू नहीं किया गया है।
छोटे उद्यमों को मिलेगी छूट
लघु, कुटीर एवं मझौले (एमएसएमई) क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आदेश को पालन करने में छूट दी गई है। छोटे उद्योगों को 9 महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है, जबकि सूक्ष्म उद्यमों को 12 महीने का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। डीपीआईआईटी प्रमुख उत्पादों की पहचान कर रहा है।
यह होगी कार्रवाई
बीआईएस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर पहली बार अपराध करने पर दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं और उत्पाद नियमावली बनाने के साथ ये पहल देश में एक गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद करेगी।